परोपकार ही परम धर्म, मानवता की सच्ची साधना : पंडित रविशंकर ठाकुर

बड़ी दुर्गा मंदिर में रामकथा के प्रवचन से गूंजा पथरगामा, भक्त हुए भावविभोर

By SANJEET KUMAR | November 13, 2025 11:09 PM

बड़ी दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित नौ दिवसीय श्रीरामकथा महायज्ञ में प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. कथा के दौरान कथावाचक पंडित रविशंकर ठाकुर जी महाराज के प्रवचन से भक्तजन भावविभोर हो रहे हैं. अपने प्रवचन में उन्होंने कहा कि परोपकार परमो धर्मः-दूसरों की भलाई करना ही सर्वोच्च धर्म है. निस्वार्थ सेवा ही सच्चे धर्म का स्वरूप है, जो समाज में एकता, सहयोग और करुणा को बढ़ावा देती है. उन्होंने कहा कि प्रकृति स्वयं परोपकार का जीवंत उदाहरण है-पेड़, नदियां, पर्वत सब बिना स्वार्थ दूसरों के हित में कार्य करते हैं. उन्होंने कहा कि मानव जीवन में सम्मान की भूख और अपूर्ण कामनाएं दुख का मूल कारण हैं. क्रोध मनुष्य के पतन का मार्ग प्रशस्त करता है. कथा के क्रम में उन्होंने सती के पुनर्जन्म, शिव-पार्वती विवाह प्रसंग, ताड़कासुर वध तथा कामदेव द्वारा भगवान शंकर की समाधि भंग करने की कथा सुनायी. कथावाचक ने कहा कि भगवान राम अनंत, ब्रह्मस्वरूप और ऋषि-संतों के आराध्य हैं, जो अपने भक्तों के दोष नहीं देखते. प्रवचन के पश्चात भक्ति भाव से आरती की गयी और श्रद्धालुओं के बीच खीर का प्रसाद वितरित किया गया. इस अवसर पर आयोजन समिति के मुख्य संरक्षक व वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक कुमार चौबे, अध्यक्ष अधिवक्ता निलाभ चतुर्वेदी, डॉ. प्रभा रानी प्रसाद, शिवकुमार भगत, मनोज भगत, अधिवक्ता अमिताभ चतुर्वेदी, अनिल केडिया, सुबोध साह, रंजीत टेकरीवाल, गुंजन मिश्रा, संजय झा, नंदन तिवारी, मनोज अग्रवाल सहित समिति के सभी सदस्य एवं बड़ी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालु उपस्थित थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है