Giridih news: बेंगाबाद के मोतीलेदा के दुर्गापूजा का इतिहास है पांच दशक से भी पुराना
Giridih news: इसके बाद से यहां प्रत्येक वर्ष वासंती नवरात्र के मौके पर माता की अराधना पूजन की शुरुआत हुई. शुरुआती दौर में बांस के छाता के नीचे माता की पूजा अराधना के बाद मंदिर की स्थापना की गयी. वर्ष 1984 में यहां मंदिर की स्थापना के बाद मंदिर में ही प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की शुरुआत हुई. अब यहां पर ग्रामीणों के सहयोग से भव्य मंदिर की स्थापना की गयी है.
बेंगाबाद के मोतीलेदा में विगत 55 वर्षों से दुर्गापूजा का आयोजन किया जा रहा है. यहां बनाये गये भव्य मंदिर में प्रतिमा स्थापित कर मां की पूजा अर्चना की जा रही है. पूजा को लेकर पंचायत के ग्रामीणों की यहां पहले दिन से ही भीड़ लगने लगती है. एकादशी तिथि को यहां भव्य छाता मेला का आयोजन किया जाता है. बताया जाता है कि 1970 के दशक में भारी बारिश हो रही थी. लगातार हो रही बारिश थमने का नाम नहीं ले रही थी. भारी बारिश से बचने के लिए ग्रामीण ढालो राय, शिवचंद राय, चन्द्रिका महतो, महावीर राउत, जगदीश तुरी सहित अन्य ने यहां पर बांस का छाता लगाकर भगवती की पूजा अर्चना की शुरुआत की. पूजा प्रारंभ होने के बाद ग्रामीणों को भारी बारिश से निजात मिली. इसके बाद से यहां प्रत्येक वर्ष वासंती नवरात्र के मौके पर माता की अराधना पूजन की शुरुआत हुई. शुरुआती दौर में बांस के छाता के नीचे माता की पूजा अराधना के बाद मंदिर की स्थापना की गयी. वर्ष 1984 में यहां मंदिर की स्थापना के बाद मंदिर में ही प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की शुरुआत हुई. अब यहां पर ग्रामीणों के सहयोग से भव्य मंदिर की स्थापना की गयी है.
पूजा को लेकर सक्रिय हैं ग्रामीण व कमेटी सदस्य
शुरुआती पूजा के बाद ग्रामीणों ने पूजा के लिए स्थानीय स्तर पर कमेटी का गठन किया. इसके बाद से यहां पर पूजा की जिम्मेदारी कमेटी ने उठा ली. कमेटी में विभिन्न गांवों के सभी समाज के लोगों को शामिल किया जाता है. कमेटी के सदस्य पूजा की जिम्मेदारी उठाते हैं. ग्रामीणों के अनुसार पूजा की शुरुआत गांव केे ढालो राय, चंद्रिका महतो, खीरू तुरी, महावीर राउत, शिवचंद राय सहित अन्य लोगों ने की. धीरे धीरे इस मंदिर की ख्याति बढ़ने लगी जिसके बाद पंचायत के विभिन्न गांवों के प्रबुद्ध लोगों को समिति में शामिल किया गया. वर्तमान में दिनेश कुमार को अध्यक्ष, छोटेलाल को सचिव, नरेश राय को कोषाध्यक्ष, जबकि बजरंगी राय, लक्ष्मण यादव, महेंद्र पंडित, इन्द्रलाल वर्मा, विनोद यादव, रीतलाल प्रसाद वर्मा, पवन कुमार वर्मा, गणेश ठाकुर, दिनेश यादव, बहादुर ठाकुर, भुनेश्वर तुरी, नकुल तुरी को कमेटी में शामिल कर पूजा की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जबकि पूर्व मुखिया सुखदेव राय और रूकमणि देवी मुख्य पूजारी की भुमिका निभाते हैं.पूजा के बाद लगती है भव्य मेला
अध्यक्ष दिनेश कुमार ने बताया कि नौ दिनों तक माता की पूजा अराधना के बाद एकादशी तिथि को यहां पर छाता मेला का आयोजन किया जाता है. छाता मेला की शुरुआत मंदिर परिसर के सामने मैदान में छाता की विधि विधान के साथ पूजा के बाद उसकी स्थापना की जाती है. इसके बाद यहां पर मेला का आयोजन किया जाता है. मेला में जिले के चार प्रखंडों के कई गांवों से ग्रामीण यहां पहुंचते हैं. बताया मंदिर की ख्याति काफी होने के कारण डाक चढ़ाने वालों की लंबी कतार लगी हुई है. इस बार का डाक बरमसिया निवासी पिंटू कुमार वर्मा को मिली है. बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर स्थानीय वोलेंटियर के साथ-साथ पुलिस की भी मौजूदगी रहती है. बताया यहां भव्य और आकर्षक पंडाल के साथ लाईट, सीसीटीवी कैमरा की भी व्यवस्था है.
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