गिरिडीह सदर अस्पताल में गर्मी में उबलने को विवश मरीज और उनके परिजन

सदर अस्पताल में इस भीषण गर्मी में मरीज व परिजन उबलने को विवश है. अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए जेनरेटर तो लगाया गया है, लेकिन जब लाइन कट जाती है तो जेनरेटर नहीं चलता है.

By Prabhat Khabar | May 20, 2023 8:16 PM

Jharkhand News: गिरिडीह सदर अस्पताल में इस भीषण गर्मी में मरीज व परिजन उबलने को विवश है. अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए जेनेरेटर तो लगाया गया है, लेकिन जब लाइन कट जाती है, तो जेनरेटर नहीं चलता. हालांकि, हर माह एक निश्चित राशि अस्पताल प्रबंधन जेनरेटर चलाने के लिए डीजल के रूप में खर्च करता है और इसका बिल भी पारित होता है. लेकिन, हकीकत यह है कि जेनरेटर नहीं चलता.

108 बेड का है अस्पताल

इस कारण लाइन कटने के दौरान मरीज हाथ पंखा डुलाने को विवश रहते हैं. जानकारी के अनुसार, यह अस्पताल 108 बेड का है. जिले में अन्य कई अस्पताल हैं, लेकिन पूरे जिले के मरीज इलाज कराने के लिए सदर अस्पताल ही पहुंचते हैं. इसके बाद भी अस्पताल की देख-रेख करने के लिए कोई अधिकारी गंभीर नहीं है. बीते एक पखवाड़े से प्रचंड गर्मी पड़ रही है. सुबह आठ बजे से ही सूर्य अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर देता है.

बिजली गुल होने के बाद फर्श पर सोने को विवश मरीज व परिजन

इधर, सदर अस्पताल में सुबह हो या शाम बिजली गुल होने के बाद पंखा बंद हो जाता है और मरीजों के साथ-साथ कर्मियों व मरीजों के परिजनों को भी काफी परेशानी होती है. पिछले कई दिनों से लगातार तापमान 40 डिग्री के पार रह रहा है. गर्मी से राहत के लिए लोग फर्श पर लेटने को मजबूर हैं.

अस्पताल में नहीं मिलता ठंडा पानी

सदर अस्पताल में वैसे तो जगह-जगह पानी के लिए नल लगाये गये हैं, जिससे मरीजों के साथ-साथ उनके परिजन अपनी प्यास बुझाते हैं. इन दिनों नलों से गरम पानी निकल रहा है. लोग गरम पानी को विवश है. इस बाबत सदर अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे कठवारा के दिनेश रविदास, सेनादोनी की हसीना खातून, जमुआ के पंकज कुमार, देवरी के मनोज कुमार व अन्य ने बताया कि अस्पताल में ठंडा पानी तो दूर जो पंखा लगा है, वह भी बहुत धीरे-धीरे चल रहा है. वहीं, जब बिजली चली जाती है तो रात में अंधेरा पसर जाता है. जेनरेटर भी नहीं चलता है. गर्मी में हाल-बेहाल हो जाता है. सभी गर्मी में उबलने को विवश है. जनप्रतिनिधियों को इस दिशा में पहल करने की जरूरत है, ताकि अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंचने वाले मरीजों और उनके परिजनों को गर्मी के कारण परेशानी नहीं झेलनी पड़े.

क्या कहते हैं उपाधीक्षक

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एपीएन देव ने बताया कि सदर अस्पताल में नियमित रूप से जेनरेटर चलता है. लाइट कटने के बाद सोलर प्लेट से बिजली की आपूर्ति की जाती है. जब सोलर सिस्टम फैल हो जाता है ,तब जेनरेटर भी चलाया जाता है. यदि वार्ड में पंखा नहीं चलता है, तो पंखा खराब हो सकता है. यदि ऐसा है तो उसे ठीक कराया जायेगा.

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