Giridih News :जिरानाथ महादेव मंदिर में वार्षिक पूजा आज से, श्रद्धालुओं का होगा जुटान

Giridih News : झारखंड-बिहार के सीमा पर गुनियाथर स्थित जिरानाथ महादेव मंदिर में भादो पूर्णिमा के अवसर सात सितंबर को वार्षिक पूजा सह भादो पूर्णिमा मेला का आयोजन किया जायेगा. इसमें काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे.

By PRADEEP KUMAR | September 6, 2025 10:54 PM

झारखंड-बिहार की सीमा पर है मंदिर, बिहार से काफी संख्या में पहुंचते हैं लोग

पूजा के बाद प्रसाद के रूप में दही-चुड़ा ग्रहण करने की परंपरा

झारखंड-बिहार के सीमा पर गुनियाथर स्थित जिरानाथ महादेव मंदिर में भादो पूर्णिमा के अवसर सात सितंबर को वार्षिक पूजा सह भादो पूर्णिमा मेला का आयोजन किया जायेगा. इसमें काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेगे. वार्षिक पूजा व शांति व्यवस्था बनाये रखने को लेकर बाबा जिरानाथ सेवा समिति के राजकिशोर शर्मा, नवल किशोर राय, मनोज कुमार राय, प्रकाश यादव, अरुण यादव, होपना मुर्मू, मनोज सोरेन, राजेंद्र यादव, श्याम सोरेन, जगन सोरेन, लालजीत लोहरा, राम कैलाश किस्कू, जोसेफ मरांडी, रोशन मरांडी, दीपक मरांडी, मनोज भुला, दीपक साव, संदीप कुमार यादव, मुकेश साव, राजेश यादव, भागीरथ यादव, रघुनंदन बरनवाल, जोसेफ मरांडी, रोशन मरांडी आदि सक्रिय हैं. तेलंगा नदी से मंदिर तक बैरिकेडिंग की गयी. श्रद्धालु नदी में स्नान के बाद कतार में लगकर सीधे मंदिर प्रवेश कर सकेंगे.

बनावट के लिए प्रसिद्ध है मंदिर

झारखंड-बिहार के सीमा से गुजरने वाली तेलंगा नदी के किनारे स्थित जिरानाथ महादेव मंदिर अपनी बनावट के लिए क्षेत्र में प्रसिद्ध है. नदी के किनारे पत्थर के चट्टान में बने मंदिर के प्रति लोगों में गहरी आस्था है. मंदिर के अगल-बगल की हरियाली क्षेत्र को रमणीक है. भादो पूर्णिमा के दिन इस मंदिर में झारखंड के साथ बिहार के इलाके से भारी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं. यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु पूजा के बात प्रसाद के रूप में दही-चूड़ा ग्रहण करते हैं.

सीढ़ी बनने से श्रद्धालुओं को हो रही सुविधा

तेलंगा नदी से लगभग तीस फीट ऊंचे चट्टान पर मंदिर है. पूर्व में श्रद्धालु चट्टान से नदी में उतरते थे. हालांकि, कुछ वर्ष पूर्व में दूसरी छोर पर सीढ़ी का निर्माण करवा दिया गया है. नदी से स्नान कर दंडवत होकर मंदिर जाने के लिए श्रद्धालु इसी सीढ़ी का उपयोग करते हैं. इधर, नदी पर पुल नहीं रहने से बिहार क्षेत्र के गांव से मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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