गढ़वा सदर अस्पताल में डायलिसिस यूनिट का ट्रायल सफल
किडनी के मरीजों के लिए यह एक राहत भरी खबर है.
मिलेगी निजी अस्पताल जैसी सुविधा फोटो :-ट्रायल के दौरान सिविल सर्जन व अन्य प्रभाष मिश्रा गढ़वा. किडनी के मरीजों के लिए यह एक राहत भरी खबर है. गढ़वा सदर अस्पताल में स्थापित तीन बेड के डायलिसिस यूनिट का ट्रायल सफलतापूर्वक मंगलवार को संपन्न हो गया. गढ़वा के सिविल सर्जन डॉ जान एफ केनेडी ने बताया कि ट्रायल सफल रहा और अब जल्द ही इस यूनिट का विधिवत संचालन शुरू कर दिया जायेगा . निजी अस्पताल जैसी सुविधाएं देने का लक्ष्य सिविल सर्जन डॉ. केनेडी ने बताया कि इस यूनिट के माध्यम से गढ़वा सदर अस्पताल में निजी अस्पताल जैसी सुविधा मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है. इसी को ध्यान में रखते हुए पूरी सक्रियता के साथ काम किया जा रहा है.बताया गया कि डायलिसिस यूनिट की स्थापना में मरीजों के साथ उनके अटेंडेंट (परिचारक) की सुविधा का भी पूरा ख्याल रखा गया है.मरीजों के लिए जहां डायलिसिस के लिए अलग (सेपरेट) कमरे की व्यवस्था की गयी है, जो आमतौर पर अन्य अस्पतालों में एक ही बरामदे में दो-तीन मरीजों को दी जाने वाली व्यवस्था से बेहतर है.साथ ही अटेंडेंट के बैठने के लिए बरामदे में सुविधायुक्त माहौल बनाया जायेगा, जिसमें एसी से लेकर टीवी तक की व्यवस्था होगी, ताकि उन्हें इंतजार के दौरान परेशानी न हो. इस डायलिसिस यूनिट का संचालन जिला स्वास्थ्य समिति के स्तर से किया जायेगा .मालूम हो कि पूर्व से गढ़वा सदर अस्पताल में पीपीपी मोड़ में तीन बेड़ के डायलिसिस सेंटर का संचालन हों रहा हैं ,नया यूनिट सदर अस्पताल की अपनी ईकाई होगा इसलिए इस ओर बेहतर करने पर फोकस किया जा रहा हैं . गरीब और मध्यम वर्ग के मरीजों को बड़ी वित्तीय राहत मिलेगी गढ़वा सदर अस्पताल में जिला स्वास्थ्य समिति के देख देख डायलिसिस यूनिट की शुरुआत होने से जिले और आसपास के क्रॉनिक किडनी डिजीज से पीड़ित मरीजों को एक बड़ी संजीवनी मिलेगी. साथ ही सदर अस्पताल में यह सुविधा शुरू होने से गरीब और मध्यम वर्ग के मरीजों को बड़ी वित्तीय राहत मिलेगी, क्योंकि सरकारी अस्पताल में यह सुविधा आमतौर पर आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के तहत बहुत कम लागत पर मिलती है. अब मरीजों को डायलिसिस कराने के लिए लंबी दूरी तय करके रांची, या वाराणसी जैसे शहरों में नहीं जाना पड़ेगा. इससे उनके समय और यात्रा लागत की बचत होगी, साथ ही बार-बार की यात्रा से होने वाली शारीरिक परेशानी भी कम होगी, सिविल सर्जन डॉ केनेडी ने बताया कि डायलिसिस, किडनी फेल होने की स्थिति में रक्त से विषाक्त पदार्थों और अतिरिक्त तरल पदार्थों को बाहर निकालने का कार्य करती है. इस सुविधा के गढ़वा में ही उपलब्ध होने से मरीज नियमित रूप से डायलिसिस करा पायेगे, जिससे उनके रक्तचाप को नियंत्रित रखने और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाये रखने में मदद मिलेगी. सिविल सर्जन डॉ केनेडी ने उम्मीद जतायी है कि यह नयी यूनिट गढ़वा के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.
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