पटाखा दुकान में हादसे के बाद मातम, होली नहीं मनेगी
पटाखा दुकान में हादसे के बाद मातम, होली नहीं मनायेंगे गोदरमाना वासी
रंका. रंका प्रखंड के गोदरमाना बाजार में सोमवार को पटाखे की दुकान में आग लगने पर तीन नाबालिग समेत पांच लोगों की मौत हो गयी है. इस घटना ने पूरे गोदरमाना को झकझोर दिया है. पटाखे में लगी आग इतना भयावह थी कि देखते ही देखते इसने पूरी दुकान को लपेटे में ले लिया. आसपास के दुकानदार अपनी दुकान का सामान बाहर फेंक कर खुद बाहर निकलने लगे. आसपास की सभी दुकानें तुरंत बंद हो गयी. सूचना मिलने पर रामानुजगंज (छत्तीसगढ़) से दमकल आया. तब जाकर आग पर काबू पाया जा सका. तब-तक दुकानदार कुश कुमार, सहित पांच लोगों की मौत हो गयी थी. काफी मशक्कत के बाद दुकान के पीछे की दीवार तोड़कर पांचों शवों को निकाला गया. आसपास के लोगों ने बताया कि एक ही दुकान में पटाखे, किराना सामान और भूसा का भी कारोबार होता है. दुकान में आग फैलने के समय दुकानदार और तीनों नाबालिग व अन्य एक युवक जल्दीबाजी में बाहर नहीं निकल सके और दमघोंटू धुएं में फंसकर अंदर ही कैद हो गये. जब दुकान में आग लगी, तो शुरुआत में आग को फैलने से रोकने का कोई रास्ता लोगों को नहीं सुझा. लोगों ने आसपास के घरों और दुकान से पानी फेंककर आग बुझाने का प्रयास किया. परंतु आग इतना जबरदस्त थी कि काबू पाना मुश्किल हो गया. ग्रामीण विकास कुमार केसरी ने बताया कि उनके दो ही बच्चे थे. दोनों बेटे की इस हृदय विदारक घटना में मौत हो गयी. उसने बताया कि दोनों नाबालिग बेटे आयुष व पीयूष केसरी दुकान में पटाखा खरीदने गये थे. वे क्या जानते थे कि दोनों बेटे वापस नहीं लौटेंगे और हमेशा के लिए उनको छोड़कर चले जायेंगे. इधर बच्चों की मां बार-बार बेहोश हो जा रही थी. एक साथ पांच लोगों के जलकर मरने की घटना से पूरे गोदरमाना में मातम पसरा है. गोदरमाना वासियों ने कहा कि इस बार होली में पूरे गोदरमाना में मातम छाया रहेगा. लोगों ने होली नहीं मनाने की बात कही. गढ़वा एसपी दीपक कुमार पांडेय, एसडीओ संजय कुमार पांडेय घटना स्थल पर जायजा लेने पहुंचे. सभी अधिकारी मृत नाबालिग बच्चों के घर गये और परिजनों को ढांढ़स बंधाया. लेकिन उनके विलाप को रोकने में सभी असमर्थ थे. होली में पैसे के लिए दुकान में काम करने आयी थी सुशीला गोदरमाना बाजार में एक पटाखे की दुकान में आग लगने से वहां काम कर रही नाबालिग सुशीला केरकेट्टा की मौत हो गयी. सुशीला इस वर्ष इंटर की परीक्षा देकर कुछ पैसे के लिए पटाखा दुकान में काम करने गयी थी. उसकी इंटर की परीक्षा चार मार्च को खत्म हुई थी. इसके बाद वह पटाखा दुकान में काम करने गयी थी. सुशीला को दुकान में काम करते पांच ही दिन हए थे. उसके पिता जगदीश केरकेट्टा ने बताया कि गरीबी के कारण होली में कुछ खरीदारी के लिए दुकान में काम करने गयी थी. दुकान में जो मजदूरी मिलती, उससे वह पटाखे व कपड़े खरीदती. सुशीला की मौत की खबर सुनकर बुढ़ापरास में भी मातम छा गया है. परिजनों को रो-रो कर बुरा हाल है.
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