दंतटूटी जंगल बचाने की पहल,पौधरोपण कर दिया संदेश

दंतटूटी जंगल बचाने की पहल,पौधरोपण कर दिया संदेश

By Akarsh Aniket | August 25, 2025 9:38 PM

गढ़वा. शहर से सटे दक्षिणी क्षेत्र का दंतटूटी जंगल, जो कभी घने वृक्षों और जंगली जीवों का आश्रय स्थल माना जाता था, अब अपनी पहचान खोने के कगार पर है. अवैध कटान, तस्करी और खनन के कारण यह कभी ‘खूंखार जंगल’ कहे जाने वाला इलाका अब मात्र करवन, पुटुस और बनबैर की झाड़ियों तक सीमित रह गया है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि माफियाओं और तस्करों के साथ-साथ वन विभाग की मिलीभगत से वर्षों से वृक्षों की अंधाधुंध कटायी जारी है. पर्यावरणविदों का कहना है कि स्थिति अब नहीं तो कभी नहीं जैसी हो गयी है. दंतटूटी जंगल अपने अस्तित्व के लिए पुकार रहा है और इसके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाना समय की मांग है. इसी उद्देश्य से रविवार को स्थानीय लोगों ने पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया. कार्यक्रम में संयोजक नितिन कुमार तिवारी के अलावा अमित शुक्ला, मुन्ना दुबे, अनिमेष चौबे, शैलेश तिवारी, धर्मेंद्र दुबे, अलख द्विवेदी, नित्यानंद तिवारी, गौतम ऋषि, विपिन तिवारी, अरविंद जैसवाल, ध्रुव राज, आशीष दुबे, रमाशंकर चौबे और श्रीपति पांडे आदि शामिल हुए. सभी ने संकल्प लिया कि दंतटूटी जंगल को पुनः जीवित करने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर ‘गिलहरी प्रयास’ करेंगे और सरकार को भी इस दिशा में जागरूक करेंगे, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और हरित भविष्य सुनिश्चित किया जा सके.

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