गढ़वा शहर : भगवान नरसिंह अवतार की लीला सुन भावविभोर हुए श्रद्धालु

शहर के दबगर मोहल्ला स्थित दानरो नदी के तट के समीप राहुल डिसूजा के आवास पर चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर आचार्य आशीष बैद्य ने भक्तों को भगवान नरसिंह अवतार की दिव्य कथा सुनायी.

By VIKASH NATH | November 4, 2025 5:33 PM

शहर के दबगर मोहल्ला में श्रीमद् भागवत कथा का चौथा दिन गढ़वा. शहर के दबगर मोहल्ला स्थित दानरो नदी के तट के समीप राहुल डिसूजा के आवास पर चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर आचार्य आशीष बैद्य ने भक्तों को भगवान नरसिंह अवतार की दिव्य कथा सुनायी. कथा का आयोजन 30 अक्तूबर से आरंभ होकर पांच नवंबर तक निर्धारित है, जिसमें प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होकर कथा श्रवण का लाभ ले रहे हैं. चतुर्थ दिवस की कथा में आचार्य श्री बैद्य ने कहा कि जब-जब धरती पर अधर्म का बोझ बढ़ा है, धर्म के मार्ग में बाधाएं उत्पन्न हुई हैं, और धर्मप्रेमियों को सताया गया है, तब-तब स्वयं भगवान ने अवतार लेकर अधर्म का नाश किया है. उन्होंने श्रीमद्भागवत पुराण में वर्णित राजा हिरण्यकश्यप और उनके भक्त पुत्र प्रह्लाद की कथा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया. उन्होंने बताया कि अत्याचारी, दुराचारी और व्यभिचारी राजा हिरण्यकश्यप अपने वरदान के घमंड में इतना मदांध हो गया था कि स्वयं को ईश्वर समझने लगा. लेकिन उसके पुत्र भक्त प्रह्लाद ने विपरीत परिस्थितियों में भी भगवान विष्णु की भक्ति नहीं छोड़ी. प्रह्लाद की अटूट आस्था और भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार धारण किया और हिरण्यकश्यप का वध कर धरती को उसके अत्याचारों से मुक्त किया.आचार्य श्री बैद्य ने उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा कि कलियुग में मनुष्य को धर्म, सत्य और भक्ति के मार्ग पर चलना चाहिए. यदि हम अपने जीवन को धर्ममय बनायेंगे, तो भगवान स्वयं हमारी नैया पार लगायेंगे. कथा के दौरान भक्तगण भक्ति संगीत और मंत्रोच्चार में भाव-विभोर नजर आए.कथा के अंत में सामूहिक आरती और प्रसाद वितरण किया गया. मौके पर स्थानीय श्रद्धालुओं के अलावा आस-पास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग कथा श्रवण हेतु पहुंचे थे.

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