प्रेम की असली परिभाषा नहीं जानते लोग : महामंडलेश्वर

कांडी : प्रसिद्ध पर्यटनस्थल सतबहिनी झरना तीर्थ में आयोजित‎ 16वें मानस महायज्ञ में श्रद्धा‎लुओं की भीड़ उमड़ रही है. यज्ञ मंडप के परिक्रमा पथ में लोगों की हमेशा लंबी कतार देखी जा रही है. वहीं यहां स्थापित सभी मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए आ रही भारी भीड़ को संभालने में स्वयंसेवकों को काफी मशक्कत करनी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 14, 2024 8:10 PM
कांडी : प्रसिद्ध पर्यटनस्थल सतबहिनी झरना तीर्थ में आयोजित‎ 16वें मानस महायज्ञ में श्रद्धा‎लुओं की भीड़ उमड़ रही है. यज्ञ मंडप के परिक्रमा पथ में लोगों की हमेशा लंबी कतार देखी जा रही है. वहीं यहां स्थापित सभी मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए आ रही भारी भीड़ को संभालने में स्वयंसेवकों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. इधर ज्ञान यज्ञ के दौरान चौथे दिन के प्रवचन सत्र में पंडाल खचाखच भरा हुआ था.
बुधवार को महामंडलेश्वर प्रेम शंकर दासजी महाराज ने मानस के प्रसंगों की सामाजिक संदर्भ में व्याख्या करते हुए कहा कि आज लोग प्रेम की असली परिभाषा‎ नहीं जानते हैं. इसलिए लोग लोग वैलेंटाइन डे मनाते हैं. उन्होंने कहा कि रामकथा आपको कभी कुमार्ग पर नहीं जाने देगी. पिता की क्षमता व मां की ममता अथाह सागर है.
इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. इस मौके पर पंडित विनोद पाठक ने भी प्रवचन किया. इस दौरान उन्होंने धनुष यज्ञ प्रसंग में कहा कि जबसे शादी व विवाह दुकानदारी हो गयी, तब से सीता जैसी बेटियां भारी हो गयीं. उन्होंने कहा कि जब तक दहेज रुपी धनुष नहीं टूटेगा, तबतक राम व सीता का मिलन नहीं हो सकता. इसके बाद सत्येंद्र पाठक ने भी राम कथा सुनायी. वहीं मनोज तिवारी ने इस अवसर पर भजन प्रस्तुत कर सबको प्रभावित किया.

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