East Singhbhum News : गालूडीह में मुख्य दायीं नहर एक साल से ध्वस्त, ओडिशा कैसे जायेगा पानी
नहर में कचरा व खर-पतवार भरे हैं, परियोजना पदाधिकारी मौन
गालूडीह. सुवर्णरेखा परियोजना की मुख्य दायीं नहर शून्य किमी (गालूडीह बराज के पास) में एक साल से ध्वस्त है. ऐसे में इस बार ओडिशा पानी कैसे पहुंचेगा? कई साल से मुख्य दायीं नहर की साफ-सफाई तक नहीं हुई है. नहर में खरपतवार और कचरा भरा पड़ा है. सुवर्णरेखा परियोजना के पदाधिकारी मौन हैं. गालूडीह बराज से मुख्य दायीं नहर में पानी छोड़ने का समय आ गया है. हर साल खरीफ में धान की सिंचाई के लिए ओडिशा पानी की मांग करता है. जल संधि के तहत बराज के पानी पर ओडिशा का अधिकार है.
बराज और मुख्य दायीं नहर निर्माण में कुल खर्च की 96 प्रतिशत ओडिशा सरकार ने दिया है.
ज्ञात हो कि पिछले साल बराज से पानी छोड़ा गया था, तो नहर शून्य किमी दिगड़ी गांव के पास ध्वस्त हो गयी थी. नहर में पानी भरा होने का हवाला देकर परियोजना पदाधिकारियों ने इसकी मरम्मत नहीं की थी. एक साल बाद भी मरम्मत नहीं होना लापरवाही को दर्शाता है. मुख्य दायीं नहर में गालूडीह बराज से पानी छोड़ा जाता है. डैम के 18 गेट में अधिकतर बंद हैं. इससे बराज में 91 मीटर आरएल तक पानी स्टोर है.56 किमी लंबी है दायीं नहर
मुख्य दायीं नहर 56 किमी लंबी है, जो गालूडीह से गुड़ाबांदा होते हुए ओडिशा तक गयी है. इस नहर से झारखंड की जमीन को पानी नहीं मिलता है. इसे लेकर कई वर्षों से झारखंड के किसान आंदोलित हैं. किसानों के आंदोलन के बाद गालूडीह से बहरागोड़ा तक एक ओर मुख्य बायीं नहर निकाली गयी, जो अबतक अपूर्ण है. मऊभंडार से जेल गेट तक करीब तीन किमी तक नहर में अवरोध आज तक दूर नहीं हुआ है. इसके कारण अबतक झारखंड के किसानों को बराज का पानी सिंचाई के लिए नहीं मिल पा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
