डगमगा रही बकाया और आश्वासनों के नाव पर सवार गोविंदपुर जलापूर्ति योजना

Govindpur Water Supply Scheme News: गोविंदपुर जलापूर्ति योजना से 21 पंचायतों में लगभग 1.5 लाख कनेक्शन दिया गया है. एक परिवार में औसतन चार सदस्य मानें, तो करीब 6 लाख की आबादी इससे जुड़ी है. वर्तमान में जलापूर्ति विभाग ने योजना के संचालन का जिम्मा एजेंसी जेमिनी इंटरप्राइसेस को दिया है.

By Mithilesh Jha | December 12, 2025 6:50 AM

Govindpur Water Supply Scheme: मशहूर व्यंग्यकार शरद जोशी की एक किताब है- ‘घाव करें गंभीर’. इस पुस्तक में छोटी लोककथाओं के जरिये व्यवस्था पर व्यंग्य करती कई रचनाएं हैं. गोविंदपुर जलापूर्ति योजना की स्थिति भी यही हो गयी है. बकाया और आश्वासनों के नाव पर सवार जलापूर्ति योजना डगमगाने लगी है. 21 पंचायतों के लोगों की प्यास बुझाने के लिए बनी योजना अब समाधान नहीं, समस्या बन गयी है. एजेंसी, मजदूरों और आम लोगों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है. कारण यह कि जिस एजेंसी को योजना के संचालन का जिम्मा है, उसे 24 महीने से राशि नहीं मिली है.

एजेंसी का बकाया बढ़कर 3.6 करोड़ रुपए हुआ

एजेंसी का बकाया बढ़कर 3.6 करोड़ रुपए हो गया है. एजेंसी के तहत काम करनेवाले 34 मजदूरों को दिसंबर मिलाकर 6 माह से वेतन नहीं मिला है. इसलिए, एजेंसी और मजदूरों ने अब पूरी तरह काम बंद कर देने की चेतावनी दे दी है. इधर, जिला प्रशासन है कि बार-बार सिर्फ आश्वासन से ही काम चला रही है. बकाया की मांग पर एजेंसी व मजदूरों के विरोध के बाद डीसी ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही समस्या का समाधान निकाल लिया जायेगा. लेकिन, अब तक इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाये जा सके हैं. न एजेंसी को बकाया मिला और न ही मजदूरों को वेतन मिला.

  • मजदूरों और एजेंसी का कहना है कि पैसे नहीं होने से काम करना
  • संभव नहीं, जनता बोली- क्यों नहीं निकाला जा रहा ठोस समाधान

योजना के संचालन में पैसे का गणित ऐसे समझिए

गोविंदपुर जलापूर्ति योजना से 21 पंचायतों में लगभग 1.5 लाख कनेक्शन दिया गया है. एक परिवार में औसतन चार सदस्य मानें, तो करीब 6 लाख की आबादी इससे जुड़ी है. वर्तमान में जलापूर्ति विभाग ने योजना के संचालन का जिम्मा एजेंसी जेमिनी इंटरप्राइसेस को दिया है. एजेंसी के ठेकेदार का कहना है कि योजना के संचालन में प्रति माह 15 लाख रुपए का खर्च आता है. इसमें 34 मजदूरों के वेतन पर प्रतिमाह 5 लाख रुपए और सफाई, फिटकरी, केमिकल, बिजली व अन्य मद में करीब 10 लाख रुपए का खर्च आते हैं. 15 लाख गुना 24 = 3.6 करोड़ रुपए हो जायेंगे. बकाया नहीं मिलने से योजना का संचालन अब संभव नहीं है.

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Govindpur Water Supply Scheme: मजदूरों की पीड़ा – 6 महीने से पैसे नहीं मिले, घर कैसे चलायें

एजेंसी में काम कर रहे 34 मजदूरों ने बकाया वेतन की मांग को लेकर 29 नवंबर को हुडको वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के सामने विरोध-प्रदर्शन किया था. इसके बाद हड़ताल पर चले गये थे. इससे 21 पंचायतों में पानी की सप्लाई ठप हो गया थी. इसके बाद उन्हें जल्द ही बकाया वेतन देने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. मजदूरों का कहना है कि दिसंबर को मिलाकर छह माह का वेतन बकाया हो जायेगा. पैसे नहीं रहने के कारण घर चलाना भी मुश्किल है. मजदूरों का कहना है कि जनवरी में टुसू पर्व से पहले उन्हें छह माह का बकाया वेतन नहीं मिला, तो काम पूरी तरह बंद कर देंगे. इधर, 34 मजदूर गुरुवार को प्रखंड प्रमुख से मिलकर अपनी बातों को रखना चाहते थे. लेकिन, प्रमुख के नहीं रहने के कारण ऐसा नहीं हो पाया. मजदूरों को शुक्रवार को मिलने का समय दिया गया है.

एजेंसी ने कहा- पैसे नहीं मिल रहे, 25 दिसंबर से बंद कर देंगे सप्लाई

एजेंसी जेमिनी इंटरप्राइजेस के ठेकेदार अरुण कुमार का कहना है कि दिसंबर को मिलाकर 24 महीने का बकाया हो जायेगा. अब तक करोड़ों रुपए का बकाया हो चुका है. बैंक से कर्ज लेकर जलापूर्ति योजना को चला रहा हूं. पूर्व की राशि नहीं चुका पाने के कारण अब बैंक भी कर्ज देने से आनाकानी कर रही है. जिसकी वजह से मेरा सिविल खराब हो रहा है. वहीं, मजदूरों को छह माह का वेतन देने के लिए 30 लाख रुपए चाहिए. जिला प्रशासन और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को बार-बार पत्राचार करके थक गया हूं. ऐसे में अब जलापूर्ति योजना को आगे चलाने में असमर्थ हूं. 25 दिसंबर से अनिश्चितकालीन पानी की सप्लाई बंद कर दी जायेगी.

जनता बोल रही- पैसे देने पर भी नियमित नहीं हो रही जलापूर्ति

बकाया और आश्वासनों के भंवर में फंसी 21 पंचायतों की जनता बेहाल है. लोगों का कहना है कि पानी के लिए मासिक शुल्क अदा करने पर भी बार-बार जलापूर्ति बंद होने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. क्यों ऐसी स्थिति लगातार उत्पन्न हो रही है? क्यों समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकाल जा रहा है. ऐसे में हम क्या करें, समझ नहीं आ रहा है.

प्रखंड प्रमुख बोलीं- प्रशासन व जलापूर्ति विभाग समाधान निकाले

जमशेदपुर प्रखंड प्रमुख सह एमवीडब्ल्यूएससी अध्यक्ष पानी सोरेन का कहना है कि वर्तमान में जो समस्याएं हैं, उसका समाधान जिला प्रशासन व जलापूर्ति विभाग को करना है. क्योंकि वर्ष 2027 तक छोटागोविंदपुर जलापूर्ति योजना के संचालन व मेंटेनेस का जिम्मा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का है. विभाग एजेंसी के माध्यम से काम करा रही है. जब पंचायत प्रतिनिधियों को योजना हैंडओवर होगी, तब हमारी जवाबदेही होगी. जहां तक पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा सहयोग की बात है, तो पंचायत प्रतिनिधि हमेशा सहयोग के लिए तत्पर हैं.

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