सोमेश को मंत्री क्यों नहीं बनाया? CM हेमंत सोरेन ने रैली में तोड़ी चुप्पी, कह दी ये बड़ी बात

Ghatshila By Election: घाटशिला उपचुनाव में सीएम हेमंत सोरेन की सभा ने सियासत गरमा दी है. उन्होंने सोमेश सोरेन को मंत्री न बनाने के सवाल पर चुप्पी तोड़ी है और कहा कि उन्हें पता है कब किसे मंत्री बनाना है और कब नहीं. इसके अलावा उन्होंने विपक्ष पर भी हमला बोला है.

By Sameer Oraon | November 6, 2025 8:17 PM

Ghatshila By Election: एक तरफ पड़ोसी राज्य बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है तो दूसरी ओर झारखंड में भी घाटशिला उपचुनाव को लेकर राजनीतिक पारा उफान पर है. झारखंड के तीन प्रमुख दल भाजपा, झामुमो और जेएलकेएम ने अपने अपने प्रत्याशी को जीताने के लिए जोर-शोर से लगे हुए हैं. भाजपा ने पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को फिर अपना प्रत्याशी बनाया है तो दूसरी ओर झामुमो ने पूर्व मंत्री दिवंगत रामदास सोरेन के बड़े बेटे को अपना उम्मीदवार बनाया. वहीं, जेएलकेएम ने रामदास मुर्मू को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. लेकिन चुनाव पूर्व ही ये अनुमान लगाया जा रहा था कि झामुमो सोमेश सोरेन को उप-चुनाव से पहले मंत्री पद की शपथ दिला देगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इसके बाद से सियासी गलियारों में ये चर्चा तेज हो गयी कि आखिर सीएम हेमंत ने क्यों सोमेश सोरेन को मंत्री नहीं बनाया. अब इसका जवाब खुद मुख्यमंत्री ने घाटशिला में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए दे दिया है.

हमें पता है कब मंत्री बनाना है: सीएम हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुसाबनी के कुईलीसुता मार्शल मैदान में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि लोग पूछते हैं हमने सोमेश को मंत्री क्यों नहीं बनाया. उन्होंने रैली में स्पष्ट रूप से कहा, “हमें पता है कब मंत्री बनाना है. हम आने वाली पीढ़ी को तैयार कर रहे हैं.” कुछ लोग सोमेश को अनुभवहीन बता रहे हैं, लेकिन वे कोरा कागज हैं- जो लिखा जाएगा, वही बनेगा. उन्होंने जनता से अपील की कि वे बेफिक्र होकर सोमेश सोरेन को वोट दें. यह वोट स्वर्गीय रामदास सोरेन और दिशोम गुरु शिबू सोरेन को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.”

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इस बार विरोधियों की जमानत जब्त कराएं: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछली बार रामदास सोरेन ने 22 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी. इस बार जनता ऐसा मतदान करें कि विरोधियों की जमानत भी जब्त हो जाए. उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग गुमराह करेंगे, लेकिन यह चुनाव आदिवासियों और मूलवासियों के अधिकार का चुनाव है. उन्होंने बताया कि रामदास सोरेन विधायक रहते हुए घाटशिला के विकास को लेकर हमेशा प्राथमिकता देते थे. बंद पड़े कॉपर खदानों को शुरू करवाना, घाटशिला में डिग्री और इंजीनियरिंग कॉलेज खोलना और सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की संख्या बढ़ाने की मांग वे लगातार उठाते थे. मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे 11 नवंबर को सचेत होकर मतदान करें और तीर-धनुष पर ऐसा बटन दबाएं कि आवाज दिल्ली तक पहुंचे.”

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