दुमका : मारा गया 10 लाख का इनामी सहदेव उर्फ ताला

छातुपाड़ा से आनंद जायसवाल दुमका : दस लाख रुपये का इनामी जोनल कमांडर सहदेव राय उर्फ ताला को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया. दुमका जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र शिकारीपाड़ा के छातुपाड़ा में पुलिस व एसएसबी बटालियन की संयुक्त कार्रवाई में वह मारा गया. वहीं कई नक्सलियों के घायल होने की सूचना है. जोनल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 14, 2019 7:48 AM

छातुपाड़ा से आनंद जायसवाल

दुमका : दस लाख रुपये का इनामी जोनल कमांडर सहदेव राय उर्फ ताला को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया. दुमका जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र शिकारीपाड़ा के छातुपाड़ा में पुलिस व एसएसबी बटालियन की संयुक्त कार्रवाई में वह मारा गया. वहीं कई नक्सलियों के घायल होने की सूचना है.

जोनल कमांडर सहदेव एसपी अमरजीत बलिहार की हत्या में भी शामिल था. इसके अलावा 26 अप्रैल 2014 को लोकसभा चुनाव के दौरान पोलिंग पार्टी से भरी बस को लैंड माइन से उड़ाने की घटना को भी उसने अंजाम दिया था.

इस विस्फोट में पांच सिपाही समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गयी थी. उसने पिछले पांच-छह साल के भीतर संताल परगना में हुए 50 से अधिक नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया था.

एसपी वाइ रमेश ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गये ताला के पास से एके-47 और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुआ है. वहीं पुलिस की गोली से घायल एक नक्सली अपना इंसास राइफल छोड़ भाग खड़ा हुआ. कई नक्सलियों के बैग व पिट्ठू तथा अन्य आपत्तिजनक सामान पुलिस के हाथ लगे हैं.

किसी घटना को अंजाम देने जुटे थे नक्सली : एसपी वाईएस रमेश ने बताया कि शनिवार की देर रात सूचना मिली कि नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए छातुपाड़ा पहाड़ पर जुटे हैं. इस सूचना के आधार पर पुलिस और एसएसबी की टीम छापेमारी के लिए निकल पड़ी. इसी दौरान रविवार सुबह करीब सात बजे छातुपाड़ा के पास नक्सलियों के साथ पुलिस की भिड़ंत हो गयी.

नक्सलियों का नेतृत्व जोनल कमांडर सहदेव राय उर्फ ताला कर रहा था. इधर, नक्सलियों की फायरिंग का जवाब एएसपी अभियान आर मिश्रा, एसएसबी के सेकेंड इन कमान संजय गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट व जवान दे रहे थे. इसी दौरान गोली लगने से सहदेव मारा गया.

घटनास्थल पर पहुंचे डीआइजी-एसडीओ

मुठभेड़ में ताला के मार जाने की सूचना पर डीआइजी राजकुमार लकड़ा, एसडीपीओ पूज्य प्रकाश सहित कई थानों की पुलिस पहुंची. इसके बाद सर्च ऑपरेशन में बड़ी तादाद में जवानों को लगाया गया था.

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