परिवहन प्राधिकार में 20 दिनों से काम ठप

उदासीनता. संताल परगना क्षेत्रीय परिवहन प्रधिकार कार्यालय जोह रहा कर्मचारी की बांट संताल परगना क्षेत्रीय परिवहन प्रधिकार कार्यालय में 20 दिनों से कामकाज पुरी तरह से ठप है. न तो किसी के आवेदन पर विमर्श हो पा रहा है और न ही किसी वाहन मालिक को परमीट ही मिल पा रही है. दुमका : इस […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 17, 2017 6:54 AM

उदासीनता. संताल परगना क्षेत्रीय परिवहन प्रधिकार कार्यालय जोह रहा कर्मचारी की बांट

संताल परगना क्षेत्रीय परिवहन प्रधिकार कार्यालय में 20 दिनों से कामकाज पुरी तरह से ठप है. न तो किसी के आवेदन पर विमर्श हो पा रहा है और न ही किसी वाहन मालिक को परमीट ही मिल पा रही है.
दुमका : इस कार्यालय के प्रधान सहायक संजीव कुमार दूबे को एंटी करप्शन ब्यूरो ने पांच हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया था. उसके साथ-साथ उक्त कार्यालय का एक कथित बिचौलिया प्रियनाथ तिवारी भी गिरफ्तार कर लिये गये थे. संजीव कुमार दूबे के गिरफ्तार होने के बाद अब तक किसी भी कर्मचारी का पदस्थापन तो दूर प्रतिनियुक्ति तक इस विभाग में नहीं हुई है.
बिना परमीट के ही वाहन बाहर भेज रहे ट्रांसपोर्टर: संताल परगना क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार में आवेदन दिये जाने के बाद भी अस्थायी परमीट नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में जोखिम लेकर वाहन मालिक बिना परमीट के ही बस-ट्रक बाहर भेजने को मजबूर हैं. बिना परमीट के बाहर वाहन भेजने पर वाहन के पकड़े जाने से रजिस्ट्रेशन के दिन से जुर्माना वसूलने तक का खतरा बना रहता है. बिना परमीट के वाहन अगर दुर्घटनाग्रस्त होता है, तो किसी तरह का इंश्योरेंस क्लेम तक नहीं मिल पायेगा. वाहन मालिकों को बहुत परेशानी हो रही है.
कोई है ही नहीं तो काम कौन करेगा
परिवहन प्राधिकार की चतुर्थवर्गीय कर्मी रीता देवी कहतीं हैं कि विभाग के दफ्तर में कोई है ही नहीं तो काम कौन करेगा. कर्मचारी के नहीं रहने से काम नहीं हो पाता है. मैं समय पर आतीं हूं और आफिस खोलती हूं. रोज लोग आते हैं, लौट जाते हैं. 28 तारीख के बाद से ऐसा ही हो रहा है. अगर किसी का कोई आवेदन रहता है, तो ले लेती हूं, साहब रहते हैं, तो दे देती हूं.
क्या कहते हैं बस मालिक
बहुत मुश्किल हो रही है. जब से एसीबी की कार्रवाई हुई है, दूसरे कर्मी का पदस्थापन नहीं हुआ है. परमीट नहीं मिल रहा है. बिना परमीट के ही गाड़ी भेजने पर जोखिम बहुत है. सरकार को भी इससे राजस्व का नुकसान हो रहा है.
मनोज सिंह, टाइमिंग चेयरमेन, बस मालिक समिति.
15-16 दिन से रिजर्व परमीट के लिए घूम रहे हैं. परमीट नहीं मिल रहा है. हर दिन आते हैं, लौट जाते हैं. मजबूरी में बिना परमीट के गाड़ी भेज रहे हैं.
सुरेश प्रसाद साह, परिवहन व्यवसायी.
मेरे बस का परमीट मिल गया था, पर परमीट में कुछ तकनीकी त्रुटि है. टाइमिंग अंकित नहीं था. अधिकारी से मुलाकात होती नही है. कोई सक्षम कर्मी पदस्थापित नही है, जो कार्य करे.
महादेव गुप्ता, परिवहन व्यवसायी.
गाड़ी खड़ी है, परमीट नहीं मिल रहा है. स्पेशल परमीट भी नहीं मिल रहा है, जिससे रिजर्व भेजने में भी डर लग रहा है.
मो जाहिद हुसैन, परिवहन व्यवसायी

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