जहां बनना था एसएनएमएमसीएच का ट्रामा सेंटर वहां बन गया सब्जी मार्केट, अतिक्रमण ने बिगाड़ी शहर की सूरत

Samaj Ki Aawaz: सबसे अधिक रेवन्यू देनेवाला व औद्योगिक क्षेत्र वाला शहर धनबाद हायर एजुकेशन, बेहतर स्वास्थ सेवा व एयरपोर्ट के लिए संघर्ष कर रहा है. रंगदारी व छिनतई की समस्या का ऐसी कि कोई भी बड़ा व्यवसायी यहां आना नहीं चाह रहा है. धनबाद के विकास के लिए साझा प्रयास करने की जरूरत है.

By Mithilesh Jha | August 22, 2025 5:00 AM

Samaj Ki Aawaz: कोयला राजधानी धनबाद को चाहिए एयरपोर्ट. धन से आबाद धनबाद जैसे शहर में एयरपोर्ट का न होना यहां के विकास में बाधक है. यहां पर उच्च शिक्षा की भी कोई व्यवस्था नहीं है. यह कहना है चित्रांश समाज के लोगों का. गुरुवार को प्रभात खबर की ओर से एलसी रोड स्थित मनोरम नगर में आयोजित समाज की आवाज कार्यक्रम में समाज के लोगों ने खुलकर अपने विचार रखे. समस्या की जानकारी दी, उसका समाधान भी बताया.

समस्या के समाधान के लिए संवाद जरूरी

उनका कहना था किसी भी समस्या के समाधान के लिए संवाद का होना बहुत जरूरी है. कम्यूनिकेशन गैप से समस्या बढ़ती है. सबसे अधिक रेवन्यू देनेवाला व औद्योगिक क्षेत्र वाला शहर धनबाद हायर एजुकेशन, बेहतर स्वास्थ सेवा व एयरपोर्ट के लिए संघर्ष कर रहा है. रंगदारी व छिनतई की समस्या का ऐसी कि कोई भी बड़ा व्यवसायी यहां आना नहीं चाह रहा है. धनबाद के विकास के लिए साझा प्रयास करने की जरूरत है.

स्थायी हो गयी है पानी बिजली की समस्या

मनोज सिन्हा ने बताया कि आइएसएम को आईआईटी का दर्जा तो मिल गया, लेकिन एयरपोर्ट नहीं होने से इसका दंश आम के साथ खास सभी झेल रहे हैं. यहां विकास का मुद्दा गौण दिखता है. पानी बिजली, तो स्थायी समस्या बन गयी है. यहां के विकास के लिए जब तक साझा प्रयास नहीं होगा, विकास की बातें बेमानी होगी.

जाम की समस्या से मिले निजात

प्रकाश सिन्हा ने कहा कि सबसे पहले, तो विधि व्यवस्था दुरुस्त करने की जरूरत है. हटिया मोड़ से अंचल कार्यालय तक जाम लगा रहता है. हटिया के आस-पास तो जाम में फंसने के बाद दुर्गति हो जाती है. यहां सड़क संकरी है. पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है. लोग सड़कों पर जहां-तहां गाड़ी पार्क कर देते हैं. इसमें स्कूली वाहन फंस जाते हैं.

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ट्रॉमा सेंटर की है जरूरत

डॉ पीसीएल दास ने कहा कि यहां की चिकित्सा व्यवस्था बहुत दयनीय है. एयरपोर्ट नहीं रहने से बड़े चिकित्सक आना नहीं चाहते. एसएनएमएमसीएच में कोई सुविधा नहीं है. अस्पताल के बाहर शेड होना चाहिए. 25 साल पहले जहां अस्पताल का ट्रामा सेंटर बनने की बात हुई थी, वहां स्टील गेट में सब्जी मंडी बन गयी है.

सही हो ड्रेनेज सिस्टम

दुर्गेश सिन्हा ने कहा कि हमारा कोयलांचल कोयला राजधानी के नाम से जानी जाता है. सबसे अधिक राजस्व देने के बाद भी बेंगलुरु, पुणे के लिए सीधी ट्रेन नहीं है. रिजर्वेशन कभी कंफर्म नहीं होता. मिडिल क्लास राजधानी में सफर नहीं कर सकते. यहां का ड्रेनेज सिस्टम सही नहीं है. बारिश होते ही नाला का पानी सड़कों पर आ जाता है.

बच्चों बुजुर्ग के लिए बने पार्क

सुनील श्रीवास्तव कहते हैं कि बच्चों के लिए पार्क नहीं रहने से वे मोबाइल की दुनिया में गुम होते जा रहे हैं. बुजुर्गों के लिए भी पार्क होने चाहिए, जहां हमउम्र के साथ वे समय बिता सकें. यहां बिजली की समस्या बहुत रूलाती है. समय से बिजली बिल जमा करने के बाद भी उपभोक्ता कष्ट झेल रहे हैं. बिजली के लिए तरस रहे हैं.

सड़कों का हो चौड़ीकरण

बिनोद बिहारी प्रसाद सिन्हा ने कहा कि जिस तरह यहां गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है, उस हिसाब से सड़कों का चौड़ीकरण नहीं किया जा रहा है. संकरी सड़क का भी अतिक्रमण कर लिया जा रहा है. इस कारण जाम की समस्या परेशान करती है. बड़े मॉल के पास पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. सड़कों पर ही गाड़ियां पार्क कर लोग शॉपिंग के लिए चले जाते हैं.

एम्स, रिम्स जैसी स्वास्थ्य सुविधा मिले

संदीप लाला ने कहा कि कोयलांचल में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर सदर अस्पताल व एसएनएमएमसीएच है. काॅरपोरेट हॉस्पिटल आमजन की पहुंच से दूर है. सरकारी अस्तपताल की सेवा बहुत दयनीय है. यहां भी एम्स, रिम्स जैसे संस्थान की जरूरत है, ताकि स्वास्थ्य सेवा सीमित शुल्क में अच्छी मिल सके. इसके लिए गंभीर प्रयास जरूरी है.

ट्रैफिक जाम की समस्या से मिले मुक्ति

पूनम श्रीवास्तव ने कहा कि कोयलांचल में आपराधिक गतिविधियां बढ़ी है. महिला सुरक्षा के नाम पर कहीं कोई पहल नहीं दिखती. चेन छिनतई की घटना नहीं रूक नहीं पा रही है. सरकार, प्रशासन अपराधियों पर कड़ी कारवाई करे. रोडमैप नहीं होने के कारण गंतव्य तक पहुंचने में 10 मिनट की जगह घंटों लग जाते हैं.

बिजली की समस्या में सुधार हो

किरण सिन्हा का कहना है कि बिजली व्यवस्था भगवान भरोसे है. 12 घंटे विद्युत आपूर्ति बाधित रहती है. बिजली का तार भी टूट कर सड़कों पर जहां-तहां बिखरा पड़ा है. सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क पता ही नहीं चलता है. बारिश होने से सड़क के गड्ढों में पानी भर जाता है. इससे ये दिन दुर्घटना हो रही है.

रंगदारी की समस्या पर लगे रोक

पुष्पा सिन्हा ने कहा कि यहां की स्वस्थ सेवा बहुत दयनीय है. उसे दुरुस्त करने की जरूरत है. हायर एजुकेशन के लिए बच्चों को यहां से पलायन करना पड़ता है. रंगदारी की समस्या तेजी से बढ़ रही है. इस पर पुलिस प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. आपराधिक तत्वों से सख्ती से निबटना चाहिए.

महिलाओं के लिए हो सुरक्षा की व्यवस्था

चंदा श्रीवास्तव ने कहा कि गली मुहल्ले, सड़कों पर जल जमाव की विकट समस्या है. कोयलांचल में अच्छे अस्पताल की कमी है. क्रोनिक डिजिज वाले पेशेंट को ट्रीटमेंट के लिए बाहर ले जाना पड़ता है. इसके लिए एयरपोर्ट बहुत जरूरी है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है. मुख्य सड़कों पर सीसीटीवी कैमरा होना चाहिए.

समस्याएं जो सामने आयीं

  • सड़कें संकरी हैं
  • जाम की समस्या से लोग परेशान
  • स्वास्थ्य सुविधा में सुधार नहीं हो रहा.
  • सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्था
  • ट्रामा सेंटर की कमी है
  • बच्चों, बुजुर्गों के लिए पार्क नहीं
  • एयरपोर्ट का न होना बड़ी समस्या

सुझाव जो सामने आये

  • यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने की जरूरत
  • हाइवे के पास ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं, यहां ट्रॉमा सेंटर खुले
  • सड़क दुर्घटना पर नियंत्रण के लिए प्रशासन को स्पीड मॉनिटरिंग करनी चाहिए
  • मुख्य सड़कें सीसीटीवी कैमरे से लैस हों

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