Dhanbad News : बारिश से कृषि और व्यवसाय को नुकसान, रेल ढुलाई व कोल प्रोडक्शन भी प्रभावित
मॉनसून. जुलाई में बना नया रिकॉर्ड, 17 साल में सबसे अधिक बारिश वाला बना महीना
झारखंड में 17 जून को मॉनसून का प्रवेश हुआ था. उस समय से बदरा जमकर बरस रहे हैं. धनबाद में जून माह में बारिश ने तीन सालों का रिकॉर्ड तोड़ा था. वहीं जुलाई में हुई झमाझम बारिश ने 17 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. एक से 31 जुलाई तक 541.1 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गयी. साल 2007 के बाद इतनी अच्छी बारिश हुई है. फरवरी माह से ही रह-रह कर हो रही बारिश ने उद्योगों के साथ-साथ बाजार व कृषि पर खासा असर डाला है. यही नहीं, कोयला उत्पादन व ढुलाई बुरी तरह प्रभावित हुई है. प्रभात खबर ने बारिश के कारण अलग-अलग सेक्टर पर पड़े प्रभाव का आकलन किया, तो चौंकाने वाली बातें सामने आयीं. हर साल गर्मी से पहले ही एसी व कूलर का बाजार गर्म हो जाता है. लेकिन इस बार मार्केट पर बुरा असर रहा. 60 से 70 करोड़ का बाजार सिर्फ 20 से 30 करोड़ का रह गया. व्यापारियों द्वारा मंगवाया गया स्टॉक फंस गया है. वहीं, बीसीसीएल के कोयला उत्पादन की बात करें, तो जुलाई माह में 3.56 एमटी का लक्ष्य था, लेकिन उत्पादन 2.01 एमटी हुआ. यह लक्ष्य का 62 प्रतिशत है. धनबाद रेल मंडल माल ढुलाई में पिछड़ कर प्रथम स्थान से तीसरे स्थान पर चला गया है. कृषि सेक्टर भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. रोपनी में विलंब होने के चलते बिचड़ा खराब हो गये है. इससे रोपनी बुरी तरह प्रभावित हुई है.
धनबाद में सामान्य वर्षापात 717.3 की तुलना में 49 प्रतिशत अधिक :
जून माह में 343.4 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गयी थी. इससे पहले साल 2021 में 370.9 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गयी थी. 2007 के बाद इतनी अच्छी बारिश जुलाई 2025 में हुई है. 2007 में 634.7 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गयी थी. बारिश का दौर जारी है. अगस्त माह के 18 दिनों में 186.6 एमएम बारिश हो चुकी है. एक जून से अभी तक की बात करें, तो 1071.1 एमएम बारिश हो चुकी है. इस अवधि में सामान्य वर्षापात 717.3 की तुलना में 49 प्रतिशत अधिक है.——-
धनबाद रेल मंडल को 27.32 प्रतिशत कम हुई आया :
बारिश के कारण धनबाद रेल मंडल में लोडिंग प्रभावित हुई है. जुलाई माह की माल लोडिंग में धनबाद मंडल पिछड़ कर तीसरे स्थान पर आ गया. धनबाद ने 13.64 एमटी, बिलासपुर ने 15.26 एमटी व खुर्दा रोड ने 14.55 माल लोडिंग की, जबकि 11.63 एमटी के साथ चौथे स्थान पर चक्रधरपुर रहा. वहीं अप्रैल से जुलाई 2024-25 तक 65.58 एमटी लोडिंग हुई थी. इसकी तुलना में 2025-26 में 62.67 एमटी लोडिंग हो पायी है. 4.44 प्रतिशत कम लोडिंग हुई है. यही नहीं, कमाई में भी धनबाद पिछड़ा है. लोडिंग से होने वाली आय की बात करें, तो जुलाई 2024-25 में 2332.858 करोड़ थी. यह जुलाई 2025-26 में 1895.478 करोड़ हो गयी, जो 27.32 प्रतिशत कम है. ——–इलेक्ट्रॉनिक बाजार में धंधा पड़ा मंदा :
गर्मी से पहले एसी व कूलर का बाजार शुरू हो जाता है. लेकिन इस बार मार्केट बुरी तरह प्रभावित रही. 60 से 70 करोड़ के मार्केट में सिर्फ 20 से 30 करोड़ व्यवसाय होने की बात कही जा रही है. व्यापारियों द्वारा मंगवाया गया सामान स्टॉक में फंस कर रह गया है. एलटी कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर राजेश टंडन ने बताया कि पूंजी फंस गयी है. वहीं गोदाम में स्टॉक भरा हुआ है. जनवरी से ही गर्मी की तैयारी की गयी थी. लेकिन रिस्पॉन्स इस साल बहुत खराब रहा है.——-
लक्ष्य 43 हजार हेक्टेयर, अब तक 31 हजार हेक्टेयर में लगा धान :
वित्तीय वर्ष 2025-26 में जिला कृषि विभाग को 43 हजार हेक्टेयर भूमि में धनरोपनी का लक्ष्य मिला है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार, अब तक 31 हजार हेक्टेयर जमीन में रोपनी का कार्य पूरा हो पाया है. हालांकि लक्ष्य की तुलना में अभी भी 12 हजार हेक्टेयर में रोपनी बाकी है. इस बार लगातार बारिश के कारण कई इलाकों में बिचड़ा (धान का पौधा) खराब हो गया, जिससे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. कई किसान दोबारा बिचड़ा तैयार करने को मजबूर हुए. वहीं समय पर खेतों में रोपनी नहीं कर पाने से उनकी लागत और मेहनत दोनों बढ़ गयी. फिर भी जिले के कई हिस्सों में किसान कम मात्रा में धनरोपनी जारी रखे हैं, ताकि वे किसी तरह उत्पादन सुनिश्चित कर सकें. विभाग का कहना है कि मौसम की स्थिति और किसानों की मेहनत को देखते हुए लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास जारी रहेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
