धनबाद में बिजली के लिए शहर से लेकर गांव तक मचा हाहाकार, 8 से 10 घंटे ही हो रही आपूर्ति

जेबीवीएनएल के अधिकारियों के अनुसार पिछले एक सप्ताह में डीवीसी की ओर से सुबह से लेकर रात तक अपने विभिन्न ग्रिड से अलग-अलग समय पर रोजाना पांच से सात घंटे कटौती की जा रही है.

By Prabhat Khabar | June 1, 2023 9:07 AM

Power crisis in Jharkhand: धनबाद शहर से लेकर गांव तक बिजली के लिए हाहाकार मचा हुआ है. 24 घंटे में लोगों को कुछ घंटे ही बिजली मिल रही है. इस बीच मौसम खराब हुआ तो बिजली का इंतजार और बढ़ जाता है. यह सिलसिला लगभग 10 दिनों से जारी है. इस कारण भीषण गर्मी में लोगों का हाल बुरा है. बुधवार को झरिया और बलियापुर में लोग सड़कों पर उतरे और नियमित बिजली की मांग की.

इधर, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के अधिकारी शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में 15 से 17 घंटे बिजली सप्लाई का दावा कर रहे है. लेकिन वास्तविक स्थिति इससे विपरीत है. शहरी इलाकों की बात करें तो 24 घंटों में 9 से 10 घंटे और ग्रामीण इलाकों में औसतन आठ घंटे ही बिजली सप्लाई की जा रही है. मौसम खराब होने पर बिजली मिलने की गारंटी नहीं. पिछले दिनों तेज आंधी के साथ बारिश में ग्रामीण इलाकों में गुल हुई बिजली दो दिन बाद लौटी. इसी तरह झरिया डिवीजन की बात करें तो पिछले दिनों आंधी व बारिश में विभिन्न इलाकों में 25 से ज्यादा बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हो गये थे.

एक दर्जन से ज्यादा डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफाॅर्मरों में भी खराबी आयी थी. इसे अबतक पूरी तरह दुरुस्त नहीं किया जा सका है. ऐसे में इन इलाकों में रहने वाले लोगों का सब्र का बांध टूट गया. त्रस्त लोग सड़क पर उतर आये. झरिया बाटा मोड़ में लोगों ने तीन घंटे सड़क जाम की. भाजपा ने जेबीवीएनएल का पुतला दहन किया. इससे पूर्व जीएम का पुतला लेकर फतेहपुर से पूरे शहर का भ्रमण किया गया. व्यवसायियों ने झरिया के विद्युत अधिकारियों की सद्बुद्धि के लिए मंदिर में प्रार्थना की. जबकि बलियापुर के सापटा के ग्रामीणों ने गांव में जुलूस निकाल कर विभाग व सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

मांग 200 मेगावाट और आपूर्ति हो रही 145 मेगावाट

वर्तमान में बिजली समस्या से सबसे ज्यादा धनबाद, झरिया, गोविंदपुर व निरसा डिवीजन अंतर्गत रहने वाले उपभोक्ता प्रभावित हैं. गर्मी में इन सभी डिवीजन के तहत आने वाले सबस्टेशनों का लोड बढ़ गया है. आम तौर पर इन चारों डिवीजन में सप्लाई के लिए 145 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है. वर्तमान में मांग लगभग 200 मेगावाट तक पहुंच गयी है. डीवीसी से धनबाद डिवीजन को 30, झरिया को 50, निरसा को 40 व गोविंदपुर डिवीजन को सप्लाई के लिए 25 मेगावाट बिजली सप्लाई के लिए मिलती है.

डीवीसी काट रहा सात घंटे बिजली

जेबीवीएनएल के अधिकारियों के अनुसार पिछले एक सप्ताह में डीवीसी की ओर से सुबह से लेकर रात तक अपने विभिन्न ग्रिड से अलग-अलग समय पर रोजाना पांच से सात घंटे कटौती की जा रही है. पीक आवर में बिजली कटौती के बाद लाइन री-स्टोर करने में भी घंटों लग रहा है. बिजली संकट की एक वजह यह भी है.

लोड बढ़ने से जेबीवीएनएल पस्त

लोड बढ़ने के कारण जेबीवीएनएल भी अलग-अलग सबस्टेशन से लोडशेडिंग कर रहा है. रोज चार से छह घंटे कटौती की जा रही है. खासकर पीक आवर में दोपहर 11 बजे से लेकर दो बजे व शाम के सात बजे से लेकर रात के एक बजे तक लोडशेडिंग की जा रही है.

आंधी-बारिश में जेबीवीएनएल के उपकरणों को नुकसान हुआ है. उसे ठीक िकया जा रहा है. खराब ट्रांसफार्मरों के बदले नये लगाने का आदेश जारी किया गया है. डीवीसी से आग्रह किया गया है कि उनके द्वारा की जा रही कटौती को बंद करें. जल्द ही समस्या का समाधान कर लिया जायेगा.

-हरेंद्र कुमार सिंह, जीएम, जेबीवीएनएल

बिजली की आपूर्ति सामान्य हो, इसके लिए प्रयास किया जा रहा है. डीवीसी से कुछ समस्या है, इस कारण ज्यादा शटडाउन लिया जा रहा है. वहीं आंधी-पानी से भी समस्या उत्पन्न हुई है. इसके निदान के लिए विभाग के जीएम व इंजीनियरों से लगातार संपर्क किया जा रहा है. जहां-जहां समस्या आ रही है. उसे जल्द दूर करने को कहा गया है.

-संदीप सिंह, उपायुक्त, धनबाद

झारखंड सरकार व उसका सारा तंत्र पूरी तरह से फेल हो चुका है. पिछली सरकार में सब स्टेशन बना. ग्रिड चालू हुआ. निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए अंडरग्राउंड केबलिंग का काम शुरू हुआ. परंतु वर्तमान सरकार में पिछले तीन वर्षों से विकास के सभी कार्य ठप हैं. जनता मूलभूत सुविधा बिजली-पानी के लिए त्राहिमाम कर रही है.

-राज सिन्हा, विधायक, धनबाद

Next Article

Exit mobile version