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प्रभात पड़ताल : तोपचांची के स्कूलों का बुरा हाल, कहीं कमरे व शिक्षक की कमी तो कहीं शौचालय में पानी नहीं

तोपचांची प्रखंड के कई स्कूलों में जर्जर कमरे हैं. किसी विद्यालय में शौचालय नहीं तो किसी में पानी नहीं है. विद्यार्थी जर्जर कमरे में बैठने को विवश हैं. कभी भी बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.

गोमो, बेंक्टेश शर्मा : तोपचांची प्रखंड के कई स्कूलों में जर्जर कमरे हैं. किसी विद्यालय में शौचालय नहीं तो किसी में पानी नहीं है. विद्यार्थी जर्जर कमरे में बैठने को विवश हैं. कभी भी बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. लेकिन विभाग का ध्यान इस ओर नहीं है. प्रभात खबर ने मंगलवार को कुछ विद्यालयों का जायजा लिया तो कई खामियां सामने आयीं. कभी शिक्षक के नहीं होने के कारण बच्चे खेलते दिखे तो कहीं स्कूल में पीने तक का पानी उपलब्ध नहीं था.

10 :46 बजे : गुनघसा मध्य विद्यालय

सुबह 10.46 बजे मध्य विद्यालय गुनघसा. यहां 243 विद्यार्थी नामांकित हैं. कमरा के अभाव में कक्षा एक से चार को दो जर्जर कमरे में बैठाया गया था. कक्षा एक तथा दो के जर्जर कमरा को गोदाम बना दिया गया है. विद्यालय में मात्र दो शिक्षक हैं, जो सभी कक्षा को किसी तरह संभालते हैं, जबकि यहां नौ यूनिट है. शौचालय में रनिंग वाटर की सुविधा नहीं है. विद्यार्थियों ने शिक्षकों की कमी तथा शौचालय की समस्या को सबसे बड़ी समस्या बताया.

11.46 बजे : मध्य विद्यालय खेसमी

मध्य विद्यालय खेसमी में टीम 11.46 बजे पहुंची. 234 विद्यार्थी नामांकित हैं. कक्षा 3,4 तथा 5 को जर्जर कमरे में बैठाया गया था. शिक्षकों ने बताया कि भवन जर्जर होने के कारण मौसम ठीक रहने पर खुले स्थान में दरी पर बैठाया जाता है. यहां पर पढ़ाई करायी जाती है. उर्दू प्राथमिक विद्यालय लालूडीह के दोनों कमरे जर्जर हैं. विद्यालय के सभी कमरों में बरसात में पानी टपकता है. विद्यार्थी बरामदे पर बैठने को विवश हैं.

12 :00 बजे : उमवि भुइयां चितरो

उत्क्रमित मध्य विद्यालय भुइयां चितरो में कक्षा 3,4 तथा 5 को जर्जर कमरे में बैठाया गया था. यहां मात्र एक शौचालय है, जबकि नामांकित बच्चों की संख्या 381 विद्यार्थी है. इसी शौचालय में शिक्षक और बच्चे दोनों जाते हैं. कक्षा 6 से 8 के लिए मात्र एक शिक्षक है. उसके कारण कक्षा 1 से 5 के शिक्षकों को मजबूरी में कक्षा 6 से 8 में पढ़ाना पड़ रहा है.

12.20 बजे : मध्य विद्यालय तोपचांची

बालक मध्य विद्यालय तोपचांची पहुंची तो यहां पेयजल की सुविधा नहीं थी. विद्यार्थी पीने के लिए अपने घरों से बोतल में पानी लाते हैं. एमडीएम के लिए बाहर से पानी लाना पड़ता है. यहां पर 219 विद्यार्थी हैं. विद्यालय में शौच के लिए बच्चों को विद्यालय से घर भेज दिया जाता है. कभी कभार पाइपलाइन से जलापूर्ति होती है. उसे बर्तन धोने के काम में इस्तेमाल किया जाता है.

12.35 बजे : उर्दू प्राथमिक विद्यालय बेलाटांड़

उर्दू प्राथमिक विद्यालय बेलाटांड़ में 165 विद्यार्थी हैं. एनएच-2 चौड़ीकरण के दौरान चहारदीवारी तथा शौचालय तोड़ दिया गया. इससे विद्यालय शौचालय विहीन है. विद्यार्थियों को शौच करने लिए अपने घर जाना पड़ता है. महसूस होने पर अपने घर चले जाते हैं. उत्क्रमित मध्य विद्यालय पहाड़पुर में 112 विद्यार्थी हैं. विद्यालय में पेयजल की सुविधा नहीं है. विद्यालय के बाहर के चापानल से विद्यार्थी पीने का पानी लाते हैं.

1: 36 बजे : उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय चीराबारी

उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय चीराबारी के परिसर में बच्चे खेलते नजर आये. माता समिति की सदस्य आसमा खातून ने बताया कि हेड सर अर्धवार्षिक परीक्षा का प्रश्न लाने तोपचांची गए हैं. दूसरे शिक्षक डॉक्टर के यहां जाने की बात कह कर गये है. संयोजिका नमाज पढ़ने गयी है. विद्यार्थी कमरे से बाहर तथा सड़क पर खेल रहे थे. आसमा खातून विद्यार्थियों की निगरानी कर रही थी.

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