अदालत ने की धनजी व डब्लू मिश्रा की जमानत अर्जी खारिज

धनबाद : धनबाद नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर व कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या में जेल में बंद धनजी उर्फ धनंजय सिंह और डब्लू मिश्रा की ओर से दायर नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई शनिवार को प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार चौधरी की अदालत में हुई. बचाव पक्ष […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 28, 2017 4:23 AM

धनबाद : धनबाद नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर व कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या में जेल में बंद धनजी उर्फ धनंजय सिंह और डब्लू मिश्रा की ओर से दायर नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई शनिवार को प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार चौधरी की अदालत में हुई. बचाव पक्ष से अधिवक्ता देवी शरण सिन्हा व जावेद ने बहस की,

जबकि लोक अभियोजक टीएन उपाध्याय ने जमानत का जोरदार विरोध किया. अदालत ने उभय पक्षों की दलील सुनने के बाद जमानत अर्जी खारिज कर दी. लोक अभियोजक ने जमानत पर अपना पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि धनजी विधायक संजीव सिंह का प्राइवेट बॉडी गार्ड है. 29 जनवरी 17 को रंजय सिंह की हत्या के बाद विधायक के कहने पर धनजी ने डब्लू मिश्रा को समस्तीपुर से बुलाया. कहा कि विधायक बुला रहे हैं. डब्लू पहले से विधायक से परिचित था. रंजय सिंह के श्राद्ध में विधायक संजीव सिंह, धनजी व डब्लू मिश्रा कैमूर गये थे. सभी लोगों ने वहां जाकर नीरज की हत्या की योजना बनायी थी.

योजना के अनुसार घटना को 21.03.17 की शाम सात बजे अंजाम दिया गया. धनजी उसी दिन साढ़े छह बजे शाम को स्टील गेट रोड ब्रेकर के बगल में सुधा दूध दुकान के मालिक अमर कुमार सिंह को जाकर बोला कि कुछ घंटों के बाद कोई घटना घटेगी, उसकी सूचना मुझे देना. सात बजे शाम हत्या होती है. अमर कुमार सिंह ने फोन से धनजी को सूचना दे दी. अमर का बयान केस डायरी के पारा-8 में है तथा जो बातचीत हुई है उसकी सीडी रिपोर्ट पारा -103 में अंकित है. डब्लू मिश्रा की जमानत का विरोध करते हुए लोक अभियोजक ने कहा कि विधायक के आदेश पर शूटरों को बुलाया गया था. शूटरों को विधायक आवास के पीछे ठहराया गया था. विधायक ने डब्लू मिश्रा से कहा कि इन लोगों को कहीं किसी किराये के मकान में रखवा दीजिए. तब डब्लू ने राम अह्लाद राय के मकान, जो कुसुम बिहार में स्थित है, वह कमरा दिलवा दिया. डब्लू ने राम अह्लाद राय से अपने को मुन्ना जी बता कर छह हजार में मकान का एक कमरा किराये पर लिया. चार हजार एडवांस दिया, शेष दो हजार बाकी रखा. श्री राय ने जब आइडी प्रूफ मांगा तो मुन्ना ने अपना मोबाइल नंबर 7677302667 दिया और बोला कि इसमें बात हो जायेगी. बाद में उससे बात नहीं हुई. उसी मकान में डब्लू मिश्रा शूटरों के साथ रहने लगा. केस डायरी के पारा नंबर 54 व 66 में इस बात का उल्लेख है. 22 मार्च 17 को सुबह मकान मालिक जब मॉर्निंग वाक को निकले तो देखा कि इनके भाड़े वाले कमरा में ताला लगा हुआ है और कोई नहीं है. उन्होंने थाना जाकर लिखित आवेदन दिया. पुलिस ने जब कमरे की जांच की तब उसमें कागजात व कई सामग्री जब्त की गयी जो केस डायरी के पारा नंबर 59 में दर्ज है. घटना के एक दिन पूर्व ही डब्लू मिश्रा अपने घर समस्तीपुर चला गया. घटना की जानकारी शाम को उसकी बेटी ने फोन कर उसे दी. मोबाइल को उसने कुआं में डाल दिया. केस डायरी के पारा नंबर 369 में डब्लू मिश्रा का स्वीकारोक्ति बयान दर्ज है. डब्लू जब 11 अप्रैल 17 को अपनी ससुराल कृष्णा नगर धनबाद बेटी से मिलने जा रहा था तो पुलिस को देख वह भागने लगा. पुलिस ने संदेह पर उसे गिरफ्तार किया. पुलिस ने डब्लू के पास मोबाइल 9162426755, 7361090110, 7677302667 बरामद किया. जिसका उल्लेख केस डायरी के पारा नंबर 395 से लेकर 410 में है. विदित हो धनजी 30 मार्च 17 व डब्लू मिश्रा 11 अप्रैल 17 से जेल में बंद है.

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