कृष्ण-सुदामा का प्रसंग सुन भाव विभाेर हुए भक्त

कृष्ण-सुदामा प्रसंग सुनकर श्रोता हुए भाव विभाेर

By UDAY KANT SINGH | March 22, 2025 10:28 PM

पालोजोरी. ब्लॉक रोड स्थित लक्खी मंदिर परिसर में चल रहे सात दिवसीय संगीतमय भागवत कथा अनुष्ठान के अंतिम दिन शनिवार को हवन व श्रीकृष्ण सुदामा के मिलन का प्रसंग सुन श्रोता भाव विभोर हो गये. शनिवार को काशी विश्वनाथ मंदिर बनारस से आये आचार्य विकास शास्त्री ने विधि-विधान के साथ हवन किया. इसमें पालोजोरी के श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया. कथा के विश्राम दिवस पर श्रीकृष्ण व सुदामा के प्रेम-प्रसंग का मार्मिक चित्रण करते हुए कथा वाचक गौतम देव महाराज ने कहा कि श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी मित्रता आज कहीं देखने को नहीं मिलती. सुदमा के प्रति कृष्ण का प्रेम कैसा था यह इससे समझा जा सकता है कि जब द्वारपाल द्वारा सुदामा का नाम सुनते ही श्रीकृष्ण नंगे पांव सुदामा से मिलने सिंहासन से दौड़ कर निकल पड़े और बड़े ही आदर से अपने मित्र सुदामा को महल में ले आया. महल में लाकर श्रीकृष्ण ने सुदामा का पांव पखारा और अपने सिंहासन पर बिठाया. सुदामा से भगवान श्रीकृष्ण ने मित्रता धर्म को निभाते हुए दुनिया को यह संदेश दिया कि जिसके पास प्रेम धन है वह निर्धन नहीं हो सकता. राजा हो या रंक मित्रता में सभी समान है. मित्रता में कोई भेदभाव नहीं होता. गौतम महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य के पाप पुण्य में बदल जाते हैं. विचारों में बदलाव होने लगता है. संगीतमय भागवत कथा के दौरान सजीव झांकियों की प्रस्तुति देख श्रद्धालु श्रोता गदगद होकर जयकारा लगाते देखे गये. कथा समापन के उपरांत रविवार को पूर्णाहुति होगी. इस अवसर पर विशाल भंडारा का आयोजन होगा. श्रीमद् भागवत के सफल आयोजन में पालोजोरी ग्राम वासियों की अहम भूमिका रही. ——————- श्रीमद्भागवत कथा के सांतवे दिन विधिवत हुआ हवन श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य का पाप पुण्य में बदल जाता है : गौतम देव महाराज

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है