सारठ : प्रतिबंधित लॉटरी के टिकट खरीद बर्बाद हो रहे हैं युवा, मालामाल हो रहे है कारोबारी-सालाना दस करोड़ का कारोबार, पुलिस मोन

देवघर जिले के सारठ क्षेत्र में इन दिनों प्रतिबंधित टिकट का अवैध कारोबार काफी तेजी से फल फूल रहा है. मिली जानकारी के अनुसार करीब 10 करोड़ का इस क्षेत्र में ही सालाना करोबार है.

By Prabhat Khabar | April 23, 2024 7:29 PM

सारठ . देवघर जिले के सारठ क्षेत्र में इन दिनों प्रतिबंधित लॉटरी का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है. प्रतिबंधित लॉटरी के इस खेल में ग्रामीण अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा प्रतिदिन बर्बाद कर रहे है. बड़े इनाम या लाखों रुपये एक झटके में कमाने के प्रलोभन में युवा टिकट खरीदते हैं और आर्थिक संकट के साथ ही कर्ज में भी डूब रहे हैं. वहीं लॉटरी के कारोबारी दिनोंदिन मालामाल हो रहे है. मिली जानकारी के अनुसार सारठ क्षेत्र में प्रतिदिन जिले के मधुपुर क्षेत्र से एक कारोबारी प्रतिबंधित लॉटरी के टिकट अपने एजेंट को उपलब्ध कराता है और एजेंट क्षेत्र के 80 से 100 युवा के माध्यम से लॉटरी को दूर दराज के कस्बे तक पहुंचाता है, जिसमें 20 प्रतिशत कमीशन का भुगतान युवाओं को किया जाता है. प्रतिबंधित लॉटरी के बढ़ते कारोबार को रोकने में सारठ पुलिस की सक्रियता नहीं दिखने पर भी चर्चा का बाजार गर्म है. जुए के इस अवैध कारोबार को लेकर बताया जाता है कि डियर लॉबिंग एवं डियर पैरोट नाम से लॉटरी की कीमत 30 रुपये से 1000 तक है, जिसमे पांच सेम का 30 रुपये, दस सेम के 50 रुपये, 20 टिकट के 100 रुपये, 25 के 150 रुपये हैं. दिन में तीन टाइम लॉटरी का रिजल्ट जारी होता है, जिसका पहला परिणाम सुबह एक बजे, दूसरा समय छह बजे शाम एव तीसरा समय आठ पीएम है, जिसका परिणाम यू-ट्यूब पर देखा जाता है. मिली जानकारी के अनुसार प्रतिबंधित टिकट के इस कारोबार में सिर्फ सारठ क्षेत्र में 80 से 100 लोग लगे हुए हैं. वहीं प्रत्येक दिन ढाई से तीन लाख की लॉटरी टिकट की बिक्री होती है. इस प्रकार महीने में 90 लाख और वर्ष में दस करोड़ 80 लाख के अवैध कारोबार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने पर लोग आश्चर्य व्यक्त करते हैं.

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सालाना दस करोड़ के अवैध कारोबार का आकलन, सारठ पुलिस मौन

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