बाबा बैद्यनाथ धाम से लेकर शिवगादी मंदिर तक, संथाल परगना में हैं भगवान शिव के ये 5 पवित्र धाम

Best Temples to visit in Santhal Pargana: झारखंड के संथाल परगना में हर कदम पर भगवान शिव के पवित्र धाम स्थित हैं. देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम से लेकर साहिबगंज के शिवगादी मंदिर सहित इन 5 शिवालयों में बाबा के भक्तों की भीड़ उमड़ती है.

By Rupali Das | May 22, 2025 2:42 PM

Best Temples to visit in Santhal Pargana: संथाल परगना, झारखंड की वो पावन धरती है, जो अपने समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक वातावरण के लिए पर्यटकों के बीच मशहूर है. इस पवित्र भूमि पर बाबा बैद्यनाथ धाम सहित भगवान शिव को समर्पित कई पवित्र और प्राचीन मंदिर मौजूद हैं. यह प्रखंड अपने प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध इतिहास और प्राचीन धार्मिक स्थलों के लिए विख्यात है. अगर आप कम समय में विभिन्न धार्मिक स्थलों का भ्रमण करना चाहते हैं, तो संथाल परगना आपके लिए बेस्ट डेस्टिनेशन है. यहां कई ऐसे प्राचीन मंदिर मौजूद हैं, जो आपकी धार्मिक यात्रा को खास बना देंगे. संथाल परगना के ऐसे ही 5 धार्मिक स्थल हैं-

बाबा बैद्यनाथ धाम (Baba Baidyanath Dham)

Baba baidyanath dham, deoghar

देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम, भगवान शिव और माता शक्ति के प्रति विश्वास का प्रतीक है. इस मंदिर में भोलेनाथ के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक स्थापित है. यहां शिव और शक्ति एक साथ विराजमान है. इस स्थान पर माता सती का हृदय गिरा था, जिस वजह से इसे शिव-शक्ति का मिलन स्थल भी कहा जाता है. महादेव मंदिर में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना जरूर पूरी करते हैं. इसी वजह से इसे कामना लिंग के नाम से भी जाना जाता है. यहां मंदिर के शीर्ष पर लगा पंचशूल आकर्षण का मुख्य केंद्र है.

पौराणिक मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना स्वयं भगवान विष्णु ने की थी. वैसे तो सालों भर बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. लेकिन सावन के माह में इसका महत्व बढ़ जाता है. देश के कोने-कोने से लोग पैदल चलते हुए भगवान शिव पर जल अर्पित करने पहुंचते हैं. भक्तों की इस यात्रा को कांवड़ यात्रा कहा जाता है और भक्तों को कांवरिया. सावन के समय मंदिर के आसपास का नजारा काफी भव्य होता है. यह मंदिर झारखंड के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों की लिस्ट में शुमार है.

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धरनी पहाड़ी मंदिर (Dharni Pahadi Mandir)

Dharni pahadi mandir

पाकुड़ जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर स्थित धरनी पहाड़ी मंदिर, भगवान शिव को समर्पित पवित्र धाम है. धरनी पहाड़ पर स्थित इस शिवालय तक पहुंचने के लिए आपको 600 सीढ़ियां चढ़नी होगी. इस मंदिर में हर साल शिवरात्रि के अवसर पर मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं. मंदिर के चारों ओर फैली हरियाली और जंगली फूल मनमोहक दृश्य बनाते हैं.

बाबा बासुकीनाथ धाम (Baba Basukinath Dham)

Baba basukinath dham

देवघर-दुमका राज्य राजमार्ग पर स्थित भगवान शिव को समर्पित पवित्र शिवालय है, बाबा बासुकीनाथ धाम. यहां पूरे साल हजारों-लाखों की संख्या में श्रद्धालु-पूजा अर्चना करने आते हैं. लेकिन, बैद्यनाथ की ही तरह बासुकीनाथ धाम में भी सावन माह में भक्तों की खास भीड़ जमा होती है. कहा जाता है कि कांवड़ यात्रा पर निकले श्रद्धालु बैद्यनाथ धाम में जलार्पण कर बासुकीनाथ धाम पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं. ऐसी मान्यता है कि बाबा बैद्यनाथ धाम में पूजा करने के बाद बासुकीनाथ में बाबा के दर्शन करना आवश्यक है, नहीं तो आपकी पूजा अधूरी मानी जायेगी.

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बाबा रत्नेश्वर धाम (Baba Ratneshwar Dham)

Baba ratneshwar dham

गोड्डा के कझिया नदी के तट पर स्थित बाबा रत्नेश्वर धाम, श्रद्धालुओं के बीच आस्था का केंद्र है. इस मंदिर में सालों भर भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है. प्राचीन मान्यता के अनुसार, मंदिर परिसर में पहले नागमणी की रोशनी होती थी, जिसके बाद खुदाई में शिवलिंग मिला. इसी कारण मंदिर का नाम रत्नेश्वर धाम पड़ा. बाबा रत्नेश्वर धाम के आसपास के दृश्य काफी रमणीय और मनमोहक लगते हैं. इस पवित्र शिवालय में भी सावन माह में भक्तों की भीड़ उमड़ती है.

शिवगादी मंदिर (Shivgadi Mandir)

Shivgadi temple

गंगा नदी के तट पर बसे साहिबगंज जिले में स्थित है शिवगादी मंदिर, जिसे “मिनी बाबा धाम” या “बाबा गाजेश्वर नाथ धाम” भी कहा जाता है. झारखंड के प्राचीन मंदिरों में शामिल शिवगादी मंदिर के प्रति सैलानियों में अपार श्रद्धा है. राजमहल की पहाड़ियों के बीच से गिरते खूबसूरत झरने के पास एक गुफा में स्थित है, शिवगढ़ी मंदिर. इस मंदिर में बाबा के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को 195 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर स्थित एक आकर्षक धार्मिक पर्यटन स्थल है.

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