बाबा पर जलार्पण के बाद मां बगलामुखी से नहीं लगायी अर्जी, तो अधूरी रह जायेगी कामना! जानिये क्या है मान्यता

Shravani Mela: सावन में भोलेनाथ पर जलार्पण करने बाबा मंदिर पहुंचे कांवरिये मां बगलामुखी की पूजा करना नहीं भूलते हैं. कहते हैं मां बगलामुखी बाबा की मंत्री हैं, जो भक्तों की अर्जी बाबा तक पहुंचाती हैं. कांवरिया बाबा पर जलार्पण के बाद मां बगलामुखी के पास अपनी मनोकामना पूरी करवाने के लिए अर्जी लगाते हैं.

By Rupali Das | July 20, 2025 10:11 AM

Shravani Mela: श्रावण माह में देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर का खास महत्व है. यहां हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा पर जलार्पण करते हैं. इतना ही नहीं बाबा पर जलार्पण के बाद कांवरिया माता बगलामुखी को जल चढ़ाने और पूजा करने नहीं भूलते हैं. यह परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है.

मंत्री के रूप में है मां बगलामुखी की मान्यता

बता दें कि बाबा वैद्यनाथ 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है. यह एक शक्तिपीठ भी है. यहां माता के 52 खंडों में एक ह्दय गिरा है. इसलिए इसे हृदयपीठ भी कहा जाता है. मान्यता है कि जहां-जहां शक्तिपीठ है. वहां पर भैरव की उपस्थिति होती है, जैसे ज्योतिर्लिंग स्थल के संरक्षण के लिए भैरव क्षेत्रपालक के रूप में उपस्थित रहते हैं. उसी प्रकार बाबा वैद्यनाथ तक फरियाद पहुंचाने वाली मां बगलामुखी है, जिनकी मंत्री के रूप में मान्यता है.

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मां बगलामुखी के पास अर्जी लगाते हैं भक्त

श्रावणी मेला में जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा पर जलार्पण के लिए आते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण के लिए भैरव को अपनी कामना सुनाते हैं. वहीं माता बगलामुखी को पास भी अर्जी लगाते हैं. ताकि माता उनकी कामना को बाबा तक पहुंचाये. इसलिए बाबा मंदिर आने वाले श्रद्धालु व श्रावणी मेला के दौरान बाबा पर जलार्पण के लिए आने वाले श्रद्धालु बाबा पर जलार्पण के बाद माता बगला पर जलार्पण कर पूजा अर्चना करना नहीं भूलते हैं.

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