Deoghar News : पूर्णिमा पर भादो मेले का समापन, आज से अढ़इया मेला
भादो पूर्णिमा के साथ बाबा नगरी के प्रसिद्ध भादो मेले को रविवार को समापन हो गया. वहीं सोमवार से बाबा नगरी की प्राचीन परंपरा से जुड़ा अढ़इया मेला प्रारंभ हो जायेगा.
संवाददाता, देवघर : भादो पूर्णिमा के साथ बाबा नगरी के प्रसिद्ध भादो मेले को रविवार को समापन हो गया. वहीं सोमवार से बाबा नगरी की प्राचीन परंपरा से जुड़ा अढ़इया मेला प्रारंभ हो जायेगा. मान्यता है कि भादो पूर्णिमा के अवसर पर सुल्तानगंज से जल भरकर पारंपरिक ढोल-नगाड़े की थाप पर बड़ी संख्या में कांवरिये बाबा धाम के लिए प्रस्थान करते हैं. ढाई दिन में बाबा नगरी पहुंचने वाले इन कांवरियों की यात्रा और उनकी आकर्षक कांवर देखने वालों को बरबस खींच लेती है. इसी कारण इस मेले को अढ़इया मेला कहा जाता है. शाम छह बजे बंद कर दिया गया पट इधर, रविवार को भादो पूर्णिमा को लेकर बाबा मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. मंदिर का पट खुलने से पहले ही कतार जलसार चिल्ड्रेन पार्क तक पहुंच गयी थी. वहीं कूपनधारी कांवरियों की लाइन भी सुबह से लेकर दोपहर तक लगी रही. चंद्रग्रहण के कारण मंदिर प्रशासन ने शाम छह बजे तक ही जलार्पण की अनुमति दी. इसके मद्देनजर दोपहर एक बजे से आम कांवरियों का कतार में प्रवेश बंद कर दिया गया. वहीं कूपन काउंटर भी दोपहर तीन बजे तक बंद कर दिए गये. तय समय तक कुल 4430 कांवरियों को कूपन उपलब्ध कराया जा सका. 20 हजार कांवरिये जलार्पण से रह गये वंचित चंद्रग्रहण को देखते हुए शाम छह बजे पट बंद हो जाने के कारण रविवार को करीब 20 हजार से अधिक कांवरिये जलार्पण से वंचित रह गये. अब वे सोमवार को बाबा पर जलार्पण करेंगे. मंदिर परिसर, नेहरू पार्क के पंडालों, क्यू कॉम्प्लेक्स और संस्कार मंडप से भीड़ को खाली कराने में लगभग साढ़े पांच घंटे का समय लगा. इसके बाद गर्भगृह की सफाई कर शाम छह बजे मंदिर का पट बंद कर दिया गया. बाद में शाम साढ़े छह बजे पुनः पट खोला गया और बाबा सहित अन्य मंदिरों में शृंगार पूजा की गयी तथा ग्रहण प्रारंभ होने के पूर्व मंदिर बंद कर दिये गये. इस दौरान भादो पूर्णिमा के अवसर पर बाबा मंदिर में एक लाख से अधिक कांवरियों ने जलार्पण का सौभाग्य प्राप्त किया.
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