Chaibasa News : आपातकाल में कांग्रेस ने बाबा साहेब के सिद्धांतों को कुचला, आदिवासियों की आवाज दबायी : डॉ गोस्वामी

भारतीय जनता पार्टी की पश्चिमी सिंहभूम जिला इकाई ने बुधवार को चाईबासा पार्टी कार्यालय में आपातकाल के 50 वर्ष होने पर विचार संगोष्ठी व प्रदर्शनी आयोजित

By ATUL PATHAK | June 25, 2025 10:29 PM

चाईबासा. भारतीय जनता पार्टी की पश्चिमी सिंहभूम जिला इकाई ने बुधवार को चाईबासा पार्टी कार्यालय में आपातकाल के 50 वर्ष होने पर विचार संगोष्ठी व प्रदर्शनी आयोजित हुई. मुख्य वक्ता भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी ने कहा कि 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र को कुचल दिया था. संविधान, लोकतंत्र और लोगों के मौलिक अधिकारों का चीरहरण था. कांग्रेस ने संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर के सिद्धांतों का अपमान किया. आपातकाल में आदिवासियों, हरिजनों, पिछड़ों की आवाज को दबाया. कांग्रेस शुरू से तुष्टिकरण की राजनीति करती रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान की मूल भावना, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय की रक्षक है. आपातकाल के लिए हम कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेंगे.

कांग्रेस की सोच अलोकतांत्रिक : गीता

पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि आपातकाल ने सिद्ध किया कि कांग्रेस की सोच अलोकतांत्रिक और एकतंत्रात्मक रही है. इंदिरा गांधी ने सत्ता के लिए पूरे देश को जेल में बदल दिया. कांग्रेस को संविधान की आत्मा से नफरत है.

कांग्रेस मे आदिवासियों को छला : बड़कुंवर

देश उपाध्यक्ष बड़कुंवर गागराई ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आदिवासी समाज को छला है. आपातकाल के समय आदिवासी क्षेत्रों में जबरन नसबंदी, प्रेस सेंसरशिप और लोकतांत्रिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की गयी.

आपातकाल देश का सबसे काला अध्याय : तुबिद

प्रदेश प्रवक्ता जेबी तुबिद ने कहा कि भारत के इतिहास में आपातकाल सबसे काला अध्याय था. वह पार्टी आज भी उसी मानसिकता में जी रही है. पार्टी जिलाध्यक्ष संजय पांडे ने कहा कि आपातकाल को याद करना इसलिए जरूरी है, ताकि आने वाली पीढ़ियां जान सके कि किस प्रकार कांग्रेस ने देश को तानाशाही की ओर धकेला था.

कार्यक्रम में गीता बालमुचु, मनोज लिंयागी, हेमंत केसरी, रामानुज शर्मा, बबलू शर्मा राकेश, सन्नी पासवान ,पवन शर्मा, चंद्र मोहन तियु, जयश्री बानरा, शंभू हाजरा,रानी बंदिया,सुखमती बिरूवा, रायमुनी कुन्टिया, रूपा दास, हेमंती निषाद, जयकिशन बिरुली, दुनिया कुम्हार, कामेश्वर विश्वकर्मा, मुकेश दास, डमरुदर बारीक, अंगद साव आदि उपस्थित थे.

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