Chaibasa News : गद्दी समाज की 84 पंचायत में 75 विवादों का हुआ समाधान
चक्रधरपुर. सम्मेलन में शामिल हुए झारखंड, बंगाल व ओडिशा के प्रतिनिधि
चक्रधरपुर. गद्दी समाज (ग्वाला समाज) की सदियों पुरानी परंपरा 84 पंचायत का इस वर्ष झारखंड के चक्रधरपुर में भव्य रूप से आयोजन किया गया. तीन दिवसीय पंचायत 11 से 13 जून तक निर्धारित थी. पर प्राप्त आवेदनों की संख्या और गंभीरता को देखते हुए इसे एक दिन और बढ़ा दिया गया. कुल मिलाकर यह पंचायत 4 दिनों तक चली. यह पंचायत समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इसमें झारखंड, ओडिशा और बंगाल के ग्यारह शहरों से गद्दी समाज के लोग शामिल हुए. इस ऐतिहासिक आयोजन में 75 मामलों का समाधान आपसी सहमति, सुलह और पारंपरिक समझौते के माध्यम से निकाला गया. इन मामलों में जमीन विवाद, वैवाहिक समस्याएं, आपसी झगड़े और अन्य पारिवारिक तथा सामाजिक मुद्दे शामिल थे. ये एक इंटर समाज कोर्ट है. इसमें समाज के साल भर के मामलों का निपटारा होता है. हर साल ये चौरासी अलग-अलग शहरों में होती है.
गद्दी समाज की विशेष पंचायत.
गद्दी समाज की 84 पंचायत एक विशेष और पारंपरिक न्यायिक व्यवस्था है. इसमें केवल गद्दी (ग्वाला) बिरादरी के मामले सुने और निपटाए जाते हैं. यह व्यवस्था समाज के भीतर सदियों से चलती आ रही है. आज भी इसमें पूरी निष्ठा के साथ निर्णय लिए जाते हैं. हर वर्ष यह पंचायत अलग-अलग शहरों में लगायी जाती है. पूर्व निर्धारित तिथि और स्थान पर सभी राज्यों से प्रतिनिधि पहुंचते हैं. हर राज्य और शहर से छह-छह सदस्य चुनकर भेजे जाते हैं, जो पंचायत की कार्यवाही में भाग लेते हैं. वे अपनी बिरादरी की समस्याओं को सामने रखते हैं.सामाजिक एकता व न्याय की मिसाल है 84 पंचायत.
इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि समाज के भीतर आपसी संवाद, सहमति और पारंपरिक व्यवस्था के माध्यम से भी जटिल से जटिल समस्याओं का समाधान संभव है. गद्दी समाज की यह पहल न केवल सामाजिक एकता को मजबूती देती है, बल्कि आधुनिक समय में भी सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने का अनुकरणीय उदाहरण है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
