Chaibasa News : एक चापाकल व शौचालय के भरोसे 541 विद्यार्थी, घर से पानी लाते हैं बच्चे
चक्रधरपुर. राजा नरपति सिंह बालिका उवि के मुख्य द्वार के पास गंदगी का अंबार
चक्रधरपुर.
चक्रधरपुर में तीन ऐसे स्कूल हैं जहां के 541 विद्यार्थी एक चापाकल और शाैचालय के भरोसे है. इतना ही नहीं, स्कूल में पानी नहीं रहने से बच्चों को पानी घर से लाना पड़ता है. ये स्कूल है चक्रधरपुर स्थित राजा नरपति सिंह बालिका उच्च विद्यालय, रानी रसाल मंजरी मध्य विद्यालय व टाउन हॉल मध्य विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था का हाल खस्ता है. तीनों विद्यालय एक ही भवन में संचालित है. तीनों विद्यालय में लगभग 541 विद्यार्थी नामांकित हैं. तीनों विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. विद्यार्थियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इससे विद्यार्थियों की शिक्षा प्रभावित हो रही है. 1958 में क्षेत्र के राजा व रानी के नाम से विद्यालय की स्थापना की गयी थी. वर्तमान में विद्यालय की स्थिति काफी खराब है.तीनों स्कूल में शिक्षकों की कमी
विद्यालय के तीनों स्कूलों में शिक्षकों की काफी कमी है. रानी रसाल मंजरी मध्य विद्यालय मात्र तीन शिक्षकों के भरोसे चल रहा है. वहीं टाउन हॉल मध्य विद्यालय में मात्र दो शिक्षक हैं. विषयवार शिक्षकों की काफी कमी है. ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अंदाजा लगाया जा सकता है. स्कूल परिसर में साइकिल तक रखने की सुविधा नहीं है. इतनी संख्या वाले इस विद्यालय में कमरों की काफी कमी है.
चापाकल से निकलता है दूषित पानी
एक तरफ सरकार जहां विद्यालयों की स्थिति में सुधार लाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर राजा नरपति सिंह बालिका उवि व रानी रसाल मंजरी मध्य विद्यालय की दुर्दशा पर जिला प्रशासन की नजर नहीं है. स्कूल में पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा नहीं है. एक चापाकल है, उसमें से दूषित पानी निकलता है. यहां के बच्चों और शिक्षकों को घर से पानी लेकर आना पड़ता है. इतना ही नहीं विद्यालय के एकमात्र शौचालय की स्थिति काफी खराब है.
विद्यालय की चहारदीवारी ढही, बच्चों को होती है परेशानी
राजा नरपति सिंह बालिका उच्च विद्यालय व रानी रसाल मंजरी मध्य विद्यालय की चहारदीवारी बरसात में ढह गयी है. इस कारण स्कूल पूरी तरह से असुरक्षित हो गया है. स्कूल में छुट्टी होने के बाद असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लग जाता है. रात में असामाजिक तत्व स्कूल में शराब का सेवन करते हैं. शराब की बोतलें बरामदे में फेंक देते हैं. बच्चों को प्रत्येक दिन शराब की बोतलों को फेंकना पड़ता है. इतना ही नहीं असामाजिक तत्वों द्वारा स्कूल की दीवारों पर अश्लील शब्द लिख दिया जाता है. इसे प्रत्येक दिन विद्यार्थियों को मिटाना पड़ता है.झाड़ियों से घिर गया है विद्यालय
राजा नरपति सिंह बालिका उवि व रानी रसाल मंजरी मध्य विद्यालय झाडियों से घिर गया है. विद्यालय के चारों ओर जल जमाव और गंदगी रहती है. बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग गयी हैं. विद्यार्थियों में हमेशा जहरीला कीड़े-मकोड़ों का डर बना रहता है. आये दिन स्कूल कैंपस में सांप घुस जाता है. स्कूल का कैंपस काफी बड़ा है. देखरेख के अभाव में स्कूल की स्थिति बिगड़ती जा रही है.असामाजिक तत्वों से बच्चे और शिक्षक परेशान हैं. स्कूल कैंपस में शराब की बोतलें फेंक दी जाती है. चहारदीवारी नहीं रहने से शाम में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लग जाता है. इसे लेकर वरीय पदाधिकारियों को जानकारी दी गयी है. विषय वार शिक्षकों की कमी के कारण पठन-पाठन में परेशानी आ रही है. स्कूल में चापाकल होने के बाद भी पानी की सुविधा नहीं है. शौचालय की स्थिति ठीक नहीं है. स्कूल के मुख्य द्वार पर कचरा फेंक दिया जाता है. नगर परिषद इसपर रोक लगाये, ताकि स्कूल में पढ़ाई का माहौल बन सके.– जयश्री मुंडू
, प्राचार्या, राजा नरपति सिंह बालिका उच्च विद्यालय, चक्रधरपुरडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
