अंतरराज्यीय सीमा विवाद: सेवाती घाटी के झारखंडवाले हिस्से को अपना बताकर बंगाल ने लगाया बोर्ड, लोग नाराज

आजसू के कसमार प्रखंड अध्यक्ष महेंद्रनाथ नाथ ने कहा कि सेवाती घाटी कसमार प्रखंड समेत झारखंड राज्य की सांस्कृतिक धरोहर भी है. 1980 के दशक से यहां विशाल टुसू मेला का आयोजन हो रहा है. उन्होंने कहा कि बंगाल फॉरेस्ट को सीमा रेखा पर ही अपना बोर्ड लगाना चाहिए था. नहीं हटाया गया तो पार्टी आंदोलन करेगी.

By Prabhat Khabar | May 7, 2023 5:41 AM

कसमार, दीपक सवाल. बोकारो जिला स्थित कसमार प्रखंड की सेवाती घाटी पर बंगाल फॉरेस्ट द्वारा बोर्ड लगा कर इसे बंगाल का हिस्सा बताये जाने पर गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है. शनिवार को मामले की जानकारी मिलते ही विधायक सेवाती घाटी पहुंचे. स्थिति का जायजा लेने के बाद प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि बंगाल फॉरेस्ट ने झारखंड की सीमा पर अतिक्रमण कर अंतरराज्यीय सीमा विवाद उत्पन्न किया है. श्री महतो ने कहा कि इतने बड़े मामले में झारखंड सरकार और संबंधित विभाग की चुप्पी निंदनीय है.

विधायक ने आरोप लगाया है कि बंगाल फॉरेस्ट ने झारखंड के हिस्से में करीब 50 फुट अंदर अपना बोर्ड लगाकर अतिक्रमण किया है. कहा कि बोर्ड के आगे करीब 50 फुट तक झारखंड सरकार के द्वारा पीसीसी पथ और एक पुलिया का निर्माण एक दशक से भी अधिक समय पहले हो चुका है. ऐसे में बंगाल फॉरेस्ट ने उस हिस्से को किस आधार पर बंगाल का हिस्सा घोषित कर दिया है, यह समझ से परे है. विधायक ने बताया कि बोकारो डीएफओ समेत अन्य अधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया गया है. अगर जल्द इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो मामला आगे तक ले जायेंगे और विधानसभा में भी उठायेंगे. विधायक ने बताया कि सेवाती घाटी को झारखंड सरकार की पर्यटन सूची (ग्रेड 4) में भी शामिल किया गया है. इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की योजनाएं बन रही है. बंगाल सरकार द्वारा इस तरह सीमा विवाद उत्पन्न करने से पर्यटन विकास भी बाधित होगा, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.

आजसू के कसमार प्रखंड अध्यक्ष महेंद्रनाथ नाथ ने कहा कि सेवाती घाटी कसमार प्रखंड समेत झारखंड राज्य की सांस्कृतिक धरोहर भी है. 1980 के दशक से यहां विशाल टुसू मेला का आयोजन हो रहा है. कहा कि आस्था व संस्कृति के साथ जुड़े इस क्षेत्र में बंगाल सरकार के द्वारा अतिक्रमण किया जाना अत्यंत ही निंदनीय है. उन्होंने कहा कि बंगाल फॉरेस्ट को सीमा रेखा पर ही अपना बोर्ड लगाना चाहिए था. अगर उसे नहीं हटाया गया तो पार्टी आंदोलन करेगी.

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