कौन था एनकाउंटर में मारा गया एक करोड़ का इनामी माओवादी सहदेव सोरेन, नक्सली संगठन में कैसे बढ़ता गया उसका कद?
Sahdev Soren Maoist: झारखंड के हजारीबाग में आज सोमवार को एनकाउंटर में तीन नक्सली मारे गए. इनमें भाकपा माओवादी सेंट्रल कमेटी सदस्य सह एक करोड़ के इनामी नक्सली सहदेव सोरेन उर्फ प्रवेश समेत सैक सदस्य 25 लाख का इनामी रघुनाथ हेंब्रम उर्फ चंचल और दस लाख का इनामी जोनल कमांडर बिरसेन गंझू शामिल हैं. नक्सली प्रवेश दा पर पहले 25 लाख रुपये का इनाम घोषित था, लेकिन केंद्रीय कमेटी का सदस्य बनाये जाने के बाद इनामी राशि बढ़कर एक करोड़ हो गयी थी.
Sahdev Soren Maoist: बोकारो/जमुई (रंजीत कुमार/पंकज सिंह)-झारखंड में नक्सलियों और माओवादियों के खात्मे के लिए केंद्र और राज्य सरकार लगातार अभियान चला रही है. हर मुठभेड़ के बाद नक्सली समानांतर संगठन खड़ा करने की कोशिश में लगे हुए हैं. हजारीबाग जिले के बरकट्ठा के गोरहर पांतितीरी गांव में आज सोमवार को सीआरपीएफ, कोबरा 209 बटालियन और हजारीबाग पुलिस की संयुक्त टीम ने मुठभेड़ में भाकपा माओवादी सेंट्रल कमेटी सदस्य सह एक करोड़ के इनामी नक्सली सहदेव सोरेन उर्फ प्रवेश समेत सैक सदस्य 25 लाख का इनामी रघुनाथ हेंब्रम उर्फ चंचल और दस लाख का इनामी जोनल कमांडर बिरसेन गंझू को एनकाउंटर में मार गिराया है. नक्सली प्रवेश दा पर पहले 25 लाख रुपये का इनाम घोषित था, लेकिन केंद्रीय कमेटी का सदस्य बनाये जाने के बाद इनाम की राशि में चार गुना से अधिक की वृद्धि की गयी थी.
21 अप्रैल 2025 को केंद्रीय कमेटी में शामिल हुआ था सहदेव
21 अप्रैल 2025 को गोमिया थाना क्षेत्र के लुगू पहाडी पर पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस दौरान डेढ़ करोड़ के इनामी नक्सली विवेक दा सहित आठ नक्सलियों की मौत मुठभेड़ के दौरान हो गयी थी. इसके बाद क्षेत्र में नक्सलियों की धमक खत्म हो गयी थी. डेढ़ करोड़ के इनामी नक्सली विवेक दा की मौत के बाद बड़े शीर्ष नक्सली नेता का पद खाली हो गया था. इसके बाद संगठन को मजबूत बनाने की जिम्मेवारी प्रवेश दा को 21 अप्रैल 2025 को बोकारो में मुठभेड़ में प्रयाग मांझी उर्फ विवेक की मौत के बाद सौंपा गया. विवेक उर्फ प्रयाग मांझी की मौत के बाद माओवादी संगठन में नेतृत्व संकट उत्पन्न हो गया था. इसके बाद प्रवेश को केंद्रीय कमेटी में शामिल किया गया था.
संगठन में ऐसे प्रवेश दा का बढ़ता गया कद
संगठन को गति देने के लिए प्रवेश दा को पीबीपीजे (पूर्वी बिहार–पूर्वी झारखंड) का क्षेत्रीय सचिव बनाया गया था. इसके बाद प्रवेश संगठन विस्तार की साजिश में जुटा था. संगठन को मजबूत बनाने के लिए भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेतृत्व में शामिल नक्सली अनुज उर्फ सहदेव सोरेन उर्फ प्रवेश उर्फ अमलेश उर्फ प्रवेश दा पर सरकार ने एक करोड़ का इनाम घोषित किया.
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सेंट्रल कमेटी में अब 14 सक्रिय सदस्य
खुफिया जांच रिपोर्ट के अनुसार सीपीआई (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी में अब केवल 14 सक्रिय सदस्य बचे हैं. इसमें केवल चार पोलित ब्यूरो स्तर के नेता हैं. वर्ष 2007 से अब तक के स्थिति को देखें, तो संगठन को मजबूती के जगह लगातार नुकसान पहुंचा है. 26 सेंट्रल कमेटी सदस्यों में कुछ मारे गये, कुछ गिरफ्तार हुए और कई आत्मसमर्पण कर चुके हैं. कई की बीमारी से मौत हो गयी है. सात को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में मार गिराया है. सेंट्रल कमेटी के चार सदस्य 2025 में मारे गये हैं. एक करोड़ का इनामी प्रवेश दा की तलाश लगातार सुरक्षा एजेंसियां कर रही थीं. बड़े स्तर पर अभियान चल रहा था. प्रवेश दा संगठन में नये युवाओं को जोड़ने की अभियान में जुटा था. ग्रामीण इलाकों में समानांतर विचारधारा वाले नये संगठन खड़े हो रहे थे.
विष्णुगढ़ के मंडारी गांव का था नक्सली प्रवेश दा
प्रवेश दा मूल रूप से हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के मंडारी गांव का निवासी था. प्रवेश दा वर्ष 2013 में उस समय सुर्खियों में आया था. जब गिरिडीह में कैदी वाहन ब्रेक कांड हुआ था. उस दौरान नक्सलियों ने पुलिस की हिरासत में जा रहे वाहन पर हमला कर कई माओवादियों को छुड़ा लिया था. इनमें प्रवेश दा भी शामिल था. इस घटना में शामिल कई नक्सली पकड़े जा चुके हैं. झारखंड में एक करोड़ के अब तीन इनामी नक्सली हैं. इनमें पोलित ब्यूरो मेंबर में मिसिर बेसरा उर्फ भास्कर उर्फ सुनिर्मल जी उर्फ सागर, सेंट्रल कमेटी मेंबर में असीम मंडल उर्फ आकाश उर्फ तिमिर, अनल दा उर्फ तूफान उर्फ पतिराम मांझी उर्फ पतिराम मरांडी उर्फ रमेश है, जबकि चौथे एक करोड़ के इनामी अनुज उर्फ सहदेव सोरेन उर्फ प्रवेश उर्फ अमलेश को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया.
पुलिस मुख्यालय का सभी जिलों को ये निर्देश
नक्सलियों की बदलती रणनीति को लेकर लेकर राज्य पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को सतर्क रहने के साथ माओवादी गतिविधियों की त्वरित निगरानी का निर्देश दिया है. पुलिस महानिदेशक की ओर से सभी जिलों के एसपी को स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि नक्सलियों से जुड़े किसी भी स्पिलिंटर ग्रुप (विभाजित गुट) की पहचान कर तत्काल कार्रवाई की जाये.
सरेंडर नहीं करने पर मारे जा रहे नक्सली-एसपी
बोकारो के एसपी हरविंदर सिंह ने कहा कि नक्सली सरेंडर कर सरकार की सरेंडर पॉलिसी का लाभ लें अन्यथा मारे जायेंगे. सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के साथ संयुक्त रूप से पुलिस नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रही है. बोकारो जिले के बेरमो प्रखंड वाले जंगल क्षेत्र में लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है. वे खुद समय-समय पर सर्च अभियान का नेतृत्व करते हैं. नक्सली गतिविधि समाप्त हो गयी है. क्षेत्र से नक्सली भाग रहे हैं. सरेंडर नहीं करनेवाले मारे जा रहे हैं.
