कैमरून में फंसे झारखंड के 17 मजदूरों की हुई वतन वापसी, चेहरे पर लौटी मुस्कान

Migrant Laborer News: कैमरून में फंसे झारखंड के 19 प्रवासी मजदूरों में से 17 मजदूरों की आज सोमावर को वतन वापसी हो गयी. जबकि दो मजदूर कल, 26 अगस्त को झारखंड लौटेंगे. वापस घर लौट कर मजदूरों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं.

By Dipali Kumari | August 25, 2025 2:56 PM

Migrant Laborer News | ललपनिया, नागेश्वर: अफ्रीका के कैमरून में फंसे झारखंड के 19 प्रवासी मजदूरों में से 17 मजदूरों की आज सोमावर को वतन वापसी हो गयी. मजदूरों के परिजनों ने सरकार और मीडिया के साथ ही समाजसेवी सिकन्दर अली के प्रति आभार जताया है. वापस घर लौटे वालों में बोकारो के प्रेम टुडू, सिबोन टुडू, सोमर बेसरा, पुराण टुडू, रामजी हांसदा, विरवा हांसदा, महेन्द्र हांसदा और हजारीबाग के आघनू सोरेन, अशोक सोरेन, चेतलाल सोरेन, महेश मरांडी, रामजी मरांडी, लालचंद मुर्मू, बुधन मुर्मू, जिबलाल मांझी, छोटन बासके, तथा राजेंद्र किस्कू शामिल हैं. हजारीबाग के फूलचंद मुर्मू और बोकारो के बब्लू सोरेन की 26 अगस्त को वतन वापसी होगी.

खाने-पीने के पड़ गये थे लाले

मालूम हो बोकारो और हजारीबाग से कुल 19 मजदूर काम करने कैमरून गये थे. ये सभी कैमरून में ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड कंपनी में काम करते थे. वहां कई महीनों तक काम करने के बाद 11 मजदूरों का 3-4 महीने और 8 मजदूरों का 2 महीने से वेतन रोक दिया गया था. इस कारण लोगों के सामने खाने-पीने के भी लाले पद गये थे. इसके बाद सभी मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर वतन वापसी की गुहार लगायी थी.

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सरकार ने दिखायी सक्रियता

झारखंड सरकार व केन्द्र सरकार ने सक्रियता दिखाते हुए सभी मजदूरों की वतन वापसी करायी. प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सिकन्दर अली ने बताया कि रोजी-रोटी के लिए लोग विदेश और परदेश की ओर रूख करते हैं. इस दौरान कई घटनाएं घटित होती हैं, जो काफी दर्दनाक होती है. न चाहते हुए भी इंसान को जीविकोपार्जन के लिए घर से बाहर जाना पड़ता है. ऐसे में सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है.

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