बोकारो : एनपीए की स्थिति काबू में, मोदी की योजना डगमग
बोकारो : बैंकों के लिए सिरदर्द बना नन परफॉर्मिंग एसेस्ट बोकारो में काबू में आ रहा है. पिछले साल की दूसरी तिमाही के मुकाबले इस साल एनपीए में 1914 लाख की कमी आयी है. 2018-19 वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में 26788.72 लाख की राशि एनपीए है, जबकि 2017-18 की दूसरी तिमाही में यह 28702.98 […]
बोकारो : बैंकों के लिए सिरदर्द बना नन परफॉर्मिंग एसेस्ट बोकारो में काबू में आ रहा है. पिछले साल की दूसरी तिमाही के मुकाबले इस साल एनपीए में 1914 लाख की कमी आयी है. 2018-19 वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में 26788.72 लाख की राशि एनपीए है, जबकि 2017-18 की दूसरी तिमाही में यह 28702.98 लाख थी.
आंकड़ा इसलिए भी उत्साहित करने वाला है, क्योंकि इसी चालू वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही में एनपीए रिकार्ड 34128.14 लाख के स्तर पर पहुंच गयी थी.
लगातार कार्रवाई से मिल रही है सफलता : एनपीए के बोझ कम करने के लिए बैंक हर तरह से प्रयास कर रहे है. गांधी गिरी से लेकर फील्ड मार्च कर बैंक ग्राहकों से राशि वसूल रहे हैं. हर बैंक में ऊर्जावान अधिकारियों की रिकवर टीम बनायी गयी है. दूसरी तिमाही में बैंक ने एनपीए को लेकर 3681.52 लाख रुपया के लिए 1663 लोगों पर केस किया है.
यह पिछले कई तिमाही के मुकाबले में सबसे ज्यादा है. पिछले साल 1367 लोगों पर केस किया गया था. एनपीए के साथ-साथ सीडी (क्रेडिट-डिपोजिट) रेशियो में भी सुधार देखने को मिला है. मतलब बैंक कुल जमा धन के मुकाबले लोगों को कर्ज भी मुहैया करा रही है. चालू वित्तीय वर्ष के दूसरी तिमाही में दर 27.87 प्रतिशत हो गयी. जो पिछले वर्ष मात्र 22.15 प्रतिशत था.
एक ओर एनपीए व सीडी रेशियो सुधर रहा है, वहीं दूसरी आरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजनाओं का तिलिस्म टूट रहा है. स्वरोजगार के लिए बिना गारंटी की लोन देने वाली मुद्रा योजना व उद्यम स्थापित कर दूसरों को रोजगार देने वाली स्टैंड अप इंडिया योजना का ग्राफ पिछले साल की तुलना में गिर रहा है.
चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही तक मात्र 16 लोगों को ही स्टैंडअप इंडिया के तहत कर्ज मुहैया कराया गया है. जबकि 12 लोगों को कर्ज पहली तिमाही में ही मिल गया था. वही पिछले साल की दूसरी तिमाही तक 33 लोगों ने योजना का लाभ उठाया था. मुद्रा योजना में पिछले साल की दूसरी तिमाही में 5315 लोग को लाभ मिला, जबकि इस साल मात्र 2778 लोगों को ही कर्ज मुहैया कराया गया.
- पिछले साल की मुकाबले एनपीए में 1914 लाख की कमी
- एनपीए वसूलने में भी बैंक की बढ़ी कार्रवाई सीडी रेशियो भी सुधरा
- स्टैंड अप इंडिया व मुद्रा योजना के प्रति आयी शिथिलता
एनपीए को लेकर सभी बैंक सख्त हैं. हर जरूरी कार्रवाई बैंक की ओर से की जा रही है. इसी कारण सफलता मिल रही है. कुछेक सेगमेंट में गिरावट दर्ज हुई है, लेकिन आने वाले दिनों में इनमें भी बेहतर प्रदर्शन होगा. कई सेगमेंट में बहुत अच्छा काम हुआ है.
दिलीप कुमार मजुमदार, एलडीएम
