शराब से दो महीने में मिला 380 करोड़ का राजस्व

लॉकडाउन के बाद (20 मई से) शराब की दुकानें खुुलने पर खुदरा बिक्री से राज्य सरकार को तीन महीने में 380 करोड़ रुपये राजस्व मिला है. इसके अलावा गत वित्तीय वर्ष के बैकलॉग के रूप में 110 करोड़ रुपये उत्पाद विभाग को अलग से प्राप्त हुए हैं

By Prabhat Khabar | August 4, 2020 3:34 AM

रांची : लॉकडाउन के बाद (20 मई से) शराब की दुकानें खुुलने पर खुदरा बिक्री से राज्य सरकार को तीन महीने में 380 करोड़ रुपये राजस्व मिला है. इसके अलावा गत वित्तीय वर्ष के बैकलॉग के रूप में 110 करोड़ रुपये उत्पाद विभाग को अलग से प्राप्त हुए हैं. शराब से राजस्व के रूप में प्राप्त यह राशि गुजरे पांच वर्षों के दौरान सबसे अधिक है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में मार्च से जुलाई तक की अवधि (चार माह) में उत्पाद विभाग ने शराब से 801.96 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया था, जो राज्य गठन के बाद से अधिक रिकाॅर्ड दर्ज किया गया था.

हटेगा कोरोना सेस, सस्ती होगी शराब : शराब पर लगाया गया कोरोना सेस हटाया जायेगा. इससे मौजूदा कीमत में 10 फीसदी गिरावट आ जायेगी. 20 मई से सरकार ने खुदरा शराब की दुकानें खोलने के बाद ही वैट की दर में वृद्धि करने के साथ-साथ अतिरिक्त कोरोना सेस वसूलने का भी फैसला किया था. अभी शराब पर 10 फीसदी दर से कोरोना सेस की वसूली हो रही है. सूत्रों के मुताबिक अगस्त के अंत तक कोरोना सेस हटाने से संबंधित फैसला किया जा सकता है.

वर्षवार मार्च से जुलाई के दौरान राजस्व

वर्ष वार्षिक लक्ष्य राजस्व

2016-17 1500 334.22

2017-18 1600 196.71

2018-19 1000 111.07

2019-20 1800 801.96

2020-21 2300 380 (26 जुलाई तक)

बंगाल व यूपी से आ रही देसी शराब : झारखंड में देसी शराब की आपूर्ति बंगाल, यूपी समेत अन्य राज्यों से की जा रही है. दरअसल, सरकार ने स्वास्थ्य को ध्यान में रख कर पाउच बंद कर पीइटी बोतल में ही देसी शराब भरने की नीति लागू की थी. वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अन्य राज्यों से आयात की अनुमति दी गयी थी. उसके बाद 10 से अधिक स्थानीय कंपनियों ने बॉटलिंग प्लांट स्थापित करने के लिए आवेदन किया. जिसमें से दो कंपनियों कुमार बॉटलर्स और श्री लैब क्रमश: नौ और दो महीनों से उत्पादन कर रहा है.

लेकिन, अन्य राज्यों को भी शराब की आपूर्ति करने की वैकल्पिक व्यवस्था समाप्त नहीं करने की वजह से स्थानीय कंपनियों द्वारा देसी शराब की आपूर्ति राज्य में नहीं हो पा रही है. वहीं, दूसरी ओर देश का कोई भी अन्य राज्य दूसरे राज्यों से देशी शराब का आयात कर अपने राज्य में आपूर्ति नहीं करता है. राज्य में देशी शराब की उपलब्धता के बावजूद अन्य राज्यों से आयात करने के कारण पूर्व की तुलना में देशी शराब से प्राप्त होने वाले राजस्व में लगातार गिरावट आ रही है .

Post by : Pritish Sahay

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