Delhi CM Oath Ceremony: दिल्ली में शपथ ग्रहण की तैयारी तेज, रामलीला मैदान में लग रहे टेंट और सोफे, देखें Video

Delhi CM Oath Ceremony: दिल्ली में नई सरकार के शपथ ग्रहण को लेकर तैयारी तेज कर दी गई है. समारोह के लिए रामलीला मैदान को भव्य तरीके से सजाया जा रहा है.

By ArbindKumar Mishra | February 19, 2025 1:33 PM

Delhi CM Oath Ceremony: दिल्ली के नये मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर रामलीला मैदान में तैयारियां जारी है. टेंट और सोफे लगाए जा रहे हैं. मेहमानों के बैठने के लिए बड़ी संख्या में कुर्सियां लगाई जा रही हैं. चाहरदीवारी पर नया रंग-रोगन किया जा रहा है. मालूम हो 20 फरवरी को मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह सुबह 11 बजे होना है.

Delhi cm oath ceremony preparations

भाजपा नेताओं ने तैयारियों का लिया जायजा

बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को रामलीला मैदान में तैयारियों का जायजा लिया. बीजेपी नेताओं ने कहा, “25 साल से अधिक समय के बाद दिल्ली के पहले भाजपाई मुख्यमंत्री का शपथग्रहण समारोह ऐतिहासिक और भव्य होगा.” इस समारोह में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित बीजेपी के शीर्ष नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है.

19 फरवरी को मिल जाएगा दिल्ली का नया मुख्यमंत्री

दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ? इसको लेकर अब तक मंथन जारी है. सीएम फेस की रेस में कई नाम आगे चल रहे हैं, लेकिन आखिरी फैसला 19 फरवरी को विधायक दल की बैठक में लिया जाएगा. सीएम के लिए जिन नामों की चर्चा चल रही है उसमें प्रवेश वर्मा, दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय, पवन शर्मा, आशीष सूद, रेखा गुप्ता और शिखा राय जैसे नेता शामिल हैं. इन नामों के अलावा बवाना सीट से विधायक चुने गए रवींद्र इंद्रराज सिंह और मादीपुर सीट से पहली बार जीतने वाले कैलाश गंगवाल के नामों पर भी चर्चा हो रही है.

Delhi cm oath ceremony

नये चेहरे को मुख्यमंत्री बनाकर चौका सकती है बीजेपी

ऐसी भी खबर है कि बीजेपी नेतृत्व दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के रूप में किसी ऐसे नाम पर मुहर लगा सकता है जो बहुत अधिक चर्चा में नहीं है. पार्टी ने राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भी इसी तरह का प्रयोग किया है.

48 सीट जीतकर बीजेपी की दिल्ली में धमाकेदार वापसी

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटें हासिल कीं और 26 साल बाद शहर में सत्ता में वापसी की. आम आदमी पार्टी को केवल 22 सीटें मिलीं.