Valentine Week: पत्नी की मौत के बाद शव के पास करने लगे विलाप, 90 वर्षीय पति ने रोते- बिलखते तोड़ दिया था दम

कल वेलेंटाइन-डे है और कल के दिन कई प्रेमी अपनी प्रेयसियों को तरह तरह के वादे करेंगे. जीने मरने की कसमें खाई जाएंगी. जमुई से एक प्रेम की एक ऐसी दास्तां है जो जीवन के बाद भी जारी रहा. जब पत्नी ने अचानक ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया तो बिछड़ने की तड़प में पति ने चंद घंटे बाद ही अपनी आंखें मूंद ली.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2023 5:54 PM

गुलशन कश्यप

जमुई. फिल्म मुकद्दर का सिकंदर में किशोर दा ने एक गाना गया था, ओ साथी रे… तेरे बिना भी क्या जीना… गाना तो बड़ा प्रचलित हुआ, लेकिन उसकी जीवंत कहानी जमुई जिले में पिछले साल सामने आई थी. कल वेलेंटाइन-डे है और कल के दिन कई प्रेमी अपनी प्रेयसियों को तरह तरह के वादे करेंगे. जीने मरने की कसमें खाई जाएंगी. लेकिन उस दंपत्ति का प्रेम अपने जीवन काल में ही ऐसी पराकाष्ठा पर जा पहुंचा था कि दोनों एक दूसरे से कुछ पल का विछोह भी सहन नहीं कर सकें. जब पत्नी ने अचानक ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया तो बिछड़ने की तड़प में जल रहे पति ने महज चंद घंटे बाद ही अपनी आंखें मूंद ली. जिसके बाद उनकी यह प्रेम कहानी अमर हो गई. आज वेलेंटाइन-डे पर उस कहानी का जिक्र लाजमी हो गया है.

झाझा के हेलाजोत में सामने आई थी प्रेम की यह अमर तस्वीर

झाझा शहर के हेलाजोत में 22 जनवरी 2022 को प्रेम की यह दास्तान सामने आई थी. 22 जनवरी की शाम कई दिनों से बीमार चल रहीं 85 वर्षीय सोहगी देवी की मौत हो गई थी. पत्नी की मौत की खबर सुनकर 90 वर्षीय पति दर्शन यादव गम में डूब गए. फिर कुछ देर बाद ही शोकग्रस्त दर्शन यादव का भी निधन हो गया. इस घटना के बाद पूरे इलाके में इन दोनों के अमर प्रेम की चर्चा होने लगी. लोग कह रहे थे कि दोनों के बीच प्यार की डोर इस कदर थी कि दोनों ने दुनिया को एक साथ विदा कहा.

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प्रेम की एक ऐसी दास्तां, जो जीवन के बाद भी रहा जारी

22 जनवरी की शाम दर्शन यादव गांव में टहल रहे थे, तब उन्हें इस बात की जानकारी दी गई कि उनकी पत्नी का निधन हो गया है. यह सदमा दर्शन यादव बर्दाश्त नहीं कर सके और घर लौट गए. इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. कुछ देर तक वह अपनी पत्नी के शव के पास चुप बैठे रहे. फिर एकाएक विलाप करने लगे. बताया जा रहा है कि बुजुर्ग दर्शन यादव की पत्नी खराब तबीयत की वजह से बीते कई दिनों से बिछावन पर ही पड़ी हुई थीं. बीमार पत्नी की देखभाल भी दर्शन यादव करते थे. जिसके बाद पत्नी के निधन का गम वह बर्दाश्त नहीं कर सके और उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.

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