सभी दलों पर वोटरों ने जताया है भरोसा

जिला के बड़हरिया विधानसभा क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस, वामपंथ, दक्षिणपंथ व समाजवादी सोच सबको मौका दिया है. 60 और 70 के दशक में बड़हरिया विधानसभा सीट पर दक्षिणपंथ और वामपंथ के बीच मुकाबला रहा. उस दौर में कांग्रेस यहां अपनी जीत हासिल नहीं कर सकी

By DEEPAK MISHRA | October 15, 2025 10:27 PM

आनंद मिश्र , बड़हरिया जिला के बड़हरिया विधानसभा क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस, वामपंथ, दक्षिणपंथ व समाजवादी सोच सबको मौका दिया है. 60 और 70 के दशक में बड़हरिया विधानसभा सीट पर दक्षिणपंथ और वामपंथ के बीच मुकाबला रहा. उस दौर में कांग्रेस यहां अपनी जीत हासिल नहीं कर सकी.भले ही वर्ष 1952 से 1962 तक कांग्रेसियों ने इस सीट से विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया.लेकिन 1962 से 1972 तक सीपीआइ नेता अब्दुल जलील और दक्षिणपंथी रामराज सिंह के बीच ही मुकाबला रहा. चुनावी उठापटक में सीपीआइ के अब्दुल जलील दो बार विधायक रहे. पहली बार वे 1967 में बड़हरिया विधानसभा सीट पर जीत हासिल की तो दूसरी बार 1972 में दुबारा विधायक बने.उसी प्रकार रामराज सिंह उर्फ रामराज भगत ने दो बार बड़हरिया विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया.उन्होंने पहली बार 1962 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से जीत हासिल की तो दूसरी बार 1969 में भारतीय जनसंघ से चुनाव जीता था. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने तीन बार जीत हासिल की. शुरुआती दौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सगीरुल हक 1952 में बड़हरिया विधानसभा सीट से विधायक बने थे.उसके बाद वर्ष-1952 में ही बीपी सिंह ने बिहार विधानसभा में बड़हरिया का प्रतिनिधित्व किया.फिर उसके बाद कमरुल हक बड़हरिया विधानसभा सीट से वर्ष -1957 में यहां से चुनाव जीते,जो 1962 तक विधायक रहे. वहीं नये परिसीमन के बाद जदयू ,राजद और लोजपा के बीच मुकाबला होता रहा है.जिसमें जदयू के श्यामबहादुर सिंह 2010और 2015 में दो बार विधायक बने.लेकिन राष्ट्रीय जनता दल के बच्चा पांडेय ने 2020 में उनसे यह सीट छीन ली थी. गौरतलब है कि 1977-2010 तक बड़हरिया विधानसभा क्षेत्र वजूद में नहीं था.उस दौरान बड़हरिया प्रखंड की कुछ पूरबी पंचायतें गोरेयाकोठी विधानसभा क्षेत्र में थीं तो प्रखंड की पश्चिमी पंचायतें सीवान सदर विधानसभा क्षेत्र में थीं.जब बड़हरिया विधानसभा क्षेत्र पुनः अस्तित्व में आया तो लड़ाई जदयू और राजद के बीच होने लगी.अब इस विधानसभा क्षेत्र में बड़हरिया प्रखंड की 22 पंचायतें और पचरुखी प्रखंड की 18 पंचायतें शामिल हैं. रोचक तथ्य यह भी है कि इस सीट से अधिकतर विधायक बड़हरिया विधानसभा क्षेत्र के ही बने हैं.बाद में वक्त ने पलटा खाया और विधानसभा क्षेत्र के बाहर लोगों ने यहां से चुनाव लड़ना और जीतना शुरु किया.

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