राजद जिलाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
विधान सभा चुनाव को लेकर जिले की आठ सीटों में से महागठबंधन ने तीन सीटों पर नामांकन के अंतिम दिन के ठीक एक दिन पूर्व किया.इसके पहले टिकट बंटवारे को लेकर कयासों का दौर चलता रहा. टिकट बंटवारे के बाद राजद के कतार में नाराजगी इस कदर हुई कि पार्टी जिलाध्यक्ष विपीन कुशवाहा ने अपने पद को छोड़ने के साथ ही प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया.
अंतिम समय में गोरेयाकोठी के सीट को लेकर नतीजा यह आया कि यहां से अन्य एक दावेदार नूतन वर्मा व विपीन कुशवाहा के बजाय पार्टी ने अनवारूल हक को सिंबल दे दिया.अनवारूल बड़हरिया से टिकट की दावेदारी कर रहे थे.कहा जा है कि नेतृत्व के इस फैसले से नाराज होकर राजद जिलाध्यक्ष विपीन कुशवाहा ने पार्टी से नाता तोड़ लिया.उधर कांग्रेस पार्टी को पिछले चुनाव में महागठबंधन में एक मात्र महाराजगंज की सीट मिली थी.लेकिन इस बार यह सीट अंतिम दौर में राजद में चली गयी.इसको लेकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुशील कुमार ने कहा कि यह निर्णय अप्रत्याशित रहा.हमारी पार्टी ने जिले के दरौंदा व गोरेयाकोठी से भी दावेदारी की थी,पर यहां टिकट देने की बात तो दूर महाराजगंज जहां हमारे सीटिंग विधायक रहे वहां से राजद को टिकट देने के फैसला ठीक नहीं था.अगर यहां हमारी पार्टी को टिकट मिला होता तो मेरे जिले के कार्यकर्ता और उत्साह के साथ चुनाव अभियान में शामिल होते.हालांकि उन्होंने कहा कि जिले की सभी सीटों पर महागठबंधन को जीत मिलेगी.
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