पेड न्यूज की राशि उम्मीदवारों के खर्च में
विधानसभा चुनाव के सफल, पारदर्शी एवं निष्पक्ष संचालन को लेकर शुक्रवार को सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय में मीडिया/एमसीएमसी में प्रतिनियुक्त कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
प्रतिनिधि, सीवान. विधानसभा चुनाव के सफल, पारदर्शी एवं निष्पक्ष संचालन को लेकर शुक्रवार को सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय में मीडिया/एमसीएमसी में प्रतिनियुक्त कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण के दौरान मीडिया कोषांग के नोडल पदाधिकारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार किसी भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार द्वारा टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म आदि पर प्रसारित सभी विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणीकरण अनिवार्य है. उन्होंने यह भी बताया कि मतदान दिवस एवं उससे एक दिन पूर्व प्रिंट मीडिया में प्रकाशित होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों का भी प्रमाणीकरण आवश्यक होगा.मीडिया कोषांग के नोडल पदाधिकारी ने बताया कि मीडिया मॉनिटरिंग समिति का एक प्रमुख कार्य पेड न्यूज की पहचान कर उसे संबंधित निर्वाची पदाधिकारी को रिपोर्ट करना है. उन्होंने पेड न्यूज की पहचान के लिए कुछ प्रमुख संकेतों का उल्लेख किया, जिनमें समाचार और विज्ञापन का समान प्रारूप या शैली में प्रकाशित होना, एक ही उम्मीदवार के पक्ष में विभिन्न समाचार पत्रों में समान सामग्री का प्रकाशित होना, किसी प्रत्याशी को असमान रूप से अधिक कवरेज देना तथा समाचार के रूप में प्रचारात्मक या अप्रमाणित दावे प्रस्तुत करना शामिल है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई समाचार पेड न्यूज के रूप में प्रमाणित होता है, तो उसकी लागत राशि संबंधित उम्मीदवार के चुनाव खर्च खाते में जोड़ी जाती है. प्रशिक्षण में यह भी बताया गया कि फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम व यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित राजनीतिक सामग्री की निरंतर निगरानी एमसीएमसी द्वारा की जायेगी. ताकि भ्रामक, आपत्तिजनक अथवा आचार संहिता उल्लंघन से संबंधित किसी भी सामग्री पर त्वरित कार्रवाई की जा सके.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
