siwan news : भक्त रहसू के आह्वान पर कामख्या से चली मां भवानी आखिरी बार रुकी थीं यमुनागढ़

siwan news : श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं गढ़देवी गढ़देवी के मंदिर में दिनभर लगा रहा श्रद्धालुओं का तांता

By SHAILESH KUMAR | September 30, 2025 9:31 PM

बड़हरिया. प्रखंड के ऐतिहासिक यमुनागढ़ की पौराणिक गढ़देवी का मंदिर में शारदीय नवरात्र में सप्तमी से लेकर दशमी तक भक्तों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है. मानो आस्था का सैलाब उमड़ कर गढ़देवी मंदिर में दाखिल हो गया हो. गढ़देवी मंदिर शारदीय नवरात्र भर मां के जयकारों से गुंजायमान रहता है. जय माता दी के उद्घोष से दिन भर गढ़देवी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में घंटे-घड़ियाल बजते रहते हैं, जिससे पूरे परिक्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना रहता है. मंदिर परिसर में अगरबत्ती व हवन की सुगंध महकती रहती है. चाहे शारदीय नवरात्र हो या वासंतिक नवरात्र हो गढ़देवी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन जाता है. विदित हो कि अपने दामन में कई ऐतिहासिक व पौराणिक तथ्यों को समेटे यमुनागढ़ की गढ़देवी के दर्शनार्थ पूरे नवरात्र में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. श्रद्धालु इस मंदिर में ऐसे तो सालोंभर पूजा-अर्चना करते हैं. लेकिन शारदीय नवरात्र व चैत्र नवरात्र के अलावा सावन में काली पूजन के दौरान इसका महत्व और बढ़ जाता है. विदित हो कि प्रखंड के बड़हरिया-सीवान मुख्यमार्ग के यमुनागढ़ पर स्थित गढ़देवी की क्षेत्र में कई लोक मान्यताएं हैं. एक लोक मान्यता के अनुसार, यमुनागढ़ की गढ़देवी अपने भक्तों की हर मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. इसीलिए गढ़देवी के भक्त दूर-दराज से आकर मां दुर्गा के दर्शन करते हैं व मनोकामना पूरी होने पर अष्टयाम व हवन-पूजन करते हैं. ऐसे तो यमुनागढ़ की गढ़देवी की महिमा व चमत्कार को लेकर क्षेत्र में कई लोक मान्यताएं, किंवदंतियां व जनश्रुतियां चर्चित हैं. यदि किंवदंतियों की माने, तो मां दुर्गा के अनन्य भक्त रहसू के आह्वान पर राजा मनन सिंह का मान-मर्दन करने व अपने भक्त की भक्ति का मान रखने के लिए असम के कामाख्या से चली मां भवानी थावे पहुंचने से ठीक पहले इसी यमुनागढ़ पर ही ठहरी थीं. भक्त रहसू ने मां काली को थावे पहुंचने से ठीक पहले इसी देवी स्थल पर रोककर राजा मनन सिंह को भक्ति की शक्ति की परीक्षा न लेने की बात कही थी. मां दुर्गा के यहां ठहरने से इस देवी मंदिर का माहत्म्य और बढ़ जाता है. क्षेत्रवासी व भक्त इस स्थल को शक्तिपीठ के रूप में मानते हैं. बहरहाल, सजावट व सफाई को लेकर गठित पूजा समिति के अध्यक्ष सह सांसद प्रतिनिधि वाल्मीकि कुमार अश्विनी के नेतृत्व में रितेश कुशवाहा, गुड्डू सोनी, पूर्व मुखिया वीरेंद्र साह, तारकेश्वर शर्मा, लाल साहब शर्मा, विद्याभूषण वर्मा, मनोज कुशवाहा, रमेश वर्मा, सुमित कुमार, अनीश कुमार, भारद्वाज कुशवाहा, संजीव कुमार आदि ने व्यवस्था की कमान संभाल रखी थी.

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