श्रद्धालु आज देंगे अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ

. चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ के दूसरे दिन व्रतधारियों ने दिन भर खरना का व्रत रखकर शाम को पूजा अर्चना और हवन के बाद प्रसाद ग्रहण किया . छठव्रतियों ने साठी के चावल से बने खीर व रोटी का प्रसाद ग्रहण किया . बाद में प्रसाद को घर के बाकी सदस्यों सहित आसपास के लोगों को भी खिलाया गया

By DEEPAK MISHRA | October 26, 2025 8:19 PM

प्रतिनिधि,सीवान. चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ के दूसरे दिन व्रतधारियों ने दिन भर खरना का व्रत रखकर शाम को पूजा अर्चना और हवन के बाद प्रसाद ग्रहण किया . छठव्रतियों ने साठी के चावल से बने खीर व रोटी का प्रसाद ग्रहण किया . बाद में प्रसाद को घर के बाकी सदस्यों सहित आसपास के लोगों को भी खिलाया गया . खरना के बाद संध्याकालीन व प्रात:कालीन अर्घ की तैयारी शुरू है. सोमवार को डूबते सूर्य को और मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ दिया जायेगा. छठ गीतों से पूरा वातावरण गूंज रहा है. हर घर से छठ गीत के बोल सुनाई दे रहे हैं. छठ व्रत को लेकर शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में पूजा सामग्री व फल की खरीद के लिये दुकानों पर भीड़ उमड़ पड़ी . मुख्य बाजार में खरीदारों की भीड़ इस कदर था कि वाहनों की कौन कहे , यात्रियों को पैदल चलना मुश्किल है. खरना के 36 घंटे बाद निर्जला उपवास शुरू हुआ .सोमवार को छठ घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ेगा . शाम में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ दिया जायेगा . इसके बाद रात में घरों में कोसी भर कर छठी मइया की आराधना की जायेगी .मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ देने के साथ ही चार दिनों तक चलने वाला छठ पूजा संपन्न हो जायेगी . रविवार को भी बाजारों में खरीदारी को लेकर लोगों की भीड़ शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में देखने ले को मिली . हर जगह ईख व नारियल है की खूब बिक्री हुई . प्रसाद बनाने के दौरान व्रतियों की गीत से भक्तिमय हुआ पूरा माहौल नये चूल्हे पर आम की लकड़ी को जलावन में इस्तेमाल करते हुए पीतल के बर्तन में खरना के लिये प्रसाद बनाया गया . प्रसाद बनाने के दौरान छठ व्रतियों के साथ ही घर की अन्य महिलाओं द्वारा छठ गीत गाये जाते रहे . प्रसाद के लिये खीर व रोटी पकायी गयी .शाम ढलते ही छठ व्रतियों ने छठ गीतों के बीच प्रसाद ग्रहण किया . इसके बाद प्रसाद खिलाने का दौर देर रात तक चलता रहा .लोगों ने एक – दूसरे के घरों में जाकर खरना का प्रसाद ग्रहण किया व भगवान भास्कर के प्रति अपना सिर झुकाकर उनकी आराधना की .

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