दूषित हुई हवा,एक्यूआइ 150 के पार
पटाखा व आतिशबाजी के चलते आमतौर पर दीपावली के बाद हवा प्रदूषित हो जाती है. इस बार दीपावाली के पहले ही जिले की हवा प्रदूषित हो गयी है. यहां की हवा की गुणवत्ता देश की राजधानी से मुकाबला कर रही है. पर्यावरणविदों का मानना है कि वातावरण में बढ़ रही नमी व धूलकण मिलकर वायु को काफी सघन बना दे रहे है. जिससे प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ जा रही है.
प्रतिनिधि, सीवान. पटाखा व आतिशबाजी के चलते आमतौर पर दीपावली के बाद हवा प्रदूषित हो जाती है. इस बार दीपावाली के पहले ही जिले की हवा प्रदूषित हो गयी है. यहां की हवा की गुणवत्ता देश की राजधानी से मुकाबला कर रही है. पर्यावरणविदों का मानना है कि वातावरण में बढ़ रही नमी व धूलकण मिलकर वायु को काफी सघन बना दे रहे है. जिससे प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ जा रही है. मौसम में सुधार के बाद ही जिला वासियों को प्रदूषण से राहत मिल सकती है. बुधवार की दोपहर जिला मुख्यालय का एयर क्वालिटी 159 रिकार्ड किया गया. ग्रामीण परिक्षेत्र जीरादेई का एक्यूआई 153 रिकॉर्ड किया गया. विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दी के समय ठंड के चलते वातावरण का बाउंड्री लेयर नीचे आ जाता है. गर्मी के समय यह डेढ़ दो किलोमीटर तक की ऊंचाई पर रहता है. सर्दी में यह एक किलोमीटर से नीचे आ जाता है. वहीं हवा की रफ्तार कम भी हो जाती है. इसके चलते स्थानीय स्रोतों से निकलने वाले प्रदूषण इसी में फंसकर रह जाते हैं. इसके चलते हवा प्रदूषित हो रही है. बढ़ रही जहरीली हवा मानव जीवन के लिए खतरे की घंटी है. सड़कों के धूलकण से बढ़ रहा वायु प्रदूषण विशेषज्ञों का कहना है कि शहर सहित ग्रामीण सड़कों पर पड़ी धूलकण की परत प्रदूषण का मुख्य कारण है. अगर सड़कों से धूल की परत हटा ली जाए और बालू ढुलाई सही तरीके से की जाये तो प्रदूषण पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है. इसके अलावा भवनों के निर्माण के दौरान भी नियमों का पालन करना अनिवार्य है. कुछ ईंट-भट्टे अभी भी परंपरागत रूप से संचालित किए जा रहे हैं. इस पर भी नियंत्रण की जरूरत है. कूड़ा जलाने से दूषित हो रही हवा वायु प्रदूषण से जिला में हाहाकार मचा है. शासन भी इस पर गंभीर है.लेकिन कूड़ा निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं होने से प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रमों को पलीता लग रहा है. क्योंकि कूड़े को सड़कों के किनारे डाला जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में प्लास्टिक व पॉलिथीन होती है, उसे जला दिया जाता है. जिससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है. कूड़ा शहर के चारों ओर सड़कों के किनारे ही फेंक दिया जाता है. जिसे खाली करने के लिए नगरपालिका कर्मचारी ही कूड़े में आग लगा देते हैं, जिससे बड़े बड़े कूड़े के ढेर कई कई दिनों तक सुलगते रहते है. इसमें अधिकांश पॉलिथीन होती है, जिसके जलने से जहरीली हवा वातावरण को जहरीला बना रही है.इसका सीधा नुकसान पशु, पक्षियों के साथ साथ इंसानी स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. इससे त्वचा रोग, खांसी, दमा आदि जैसी बीमारियां पनपती है. दीपावली बाद ज्यादा जहरीली होगी हवा दीवाली के पहले ही आबोहवा खराब हो रही है.एक्यूआई तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में दीपावली के बाद हालात बिगड़ सकते है.यह स्थिति इंसानों के साथ-साथ जीव-जंतुओं के लिए भी खतरनाक होने के संकेत है फिजिशियन डॉ.रंजन भारती ने बताया कि इस समय कृषि अवशेष और पटाखे चलाने से प्रदूषण तो बढ़ता ही है, वहीं इसके साथ त्योहारी सीजन के चलते शहर की सड़कों से लेकर बाजारों में तक में वाहनों की भीड़ अधिक हो जाती है.जिससे भी प्रदूषण बढ़ता है.आजकल अधिकतर लोगों के पास दो पहिया व चार पहिया वाहन है. वही इस मौसम में ओस के कण जमीन से 5 से 10 फुट तक रहते है. प्रदूषण उड़कर ओस के कण के ऊपर चिपक जाता है और वह सांस के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है. जो हमारे शरीर के तंत्र को कमजोर करने का काम करता है. ऐसे में लोगों को अपनी सेहत के प्रति जागरूक होना चाहिए. घर से बाहर निकलने पर अगर आंखों में जलन महसूस हो रही है तो समझ लें कि आबोहवा सेहत के लिए नुकसानदायक है. इसे हम आबोहवा चेक करने का प्रथम इंडिगेटर के तौर भी देख सकते है. जहरीली हवा ले रहे हैं लोग आमतौर पर लोगों को सांसों के द्वारा शुद्ध हवा तब तक मिलती है जब तक एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 होता है. 101 से 200 के बीच जब एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंच जाता है तो सांस लेने में समस्या होनी शुरू हो जाती है. लोगों को फेफड़े, अस्थमा और हृदय से संबंधित बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है. यही जब 201 से 300 के बीच पहुुंच जाता है तो खतरनाक माना जाता है. लेकिन जब यह 301 से 400 के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंच जाता है तो इससे खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. एक्यूआई की इस श्रेणी को बहुत ही खराब स्थिति माना जाता है. इसका सर्वाधिक असर स्वस्थ व्यक्ति के भी सेहत पर पड़ता है. पिछले रिकॉर्ड को देखे तो जिले की एक्यूआई 250 और 300 के बीच रह रहा है. यहां के लोग जहरीली हवा में सांस ले रहे है. डॉक्टरों का भी मानना है कि यह हवा लोगों के लिए ठीक नही है.
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