चार वार्डों के दर्जन भर लोगों को नोटिस

शेखपुरा : ओडीएफ के नाम पर नगर पर्षद में शौचालय निर्माण को लेकर बड़े पैमाने पर कथित रूप से गड़बड़ियां उजागर हुई हैं. इसको लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. कार्रवाई ऐसी की शिकायतकर्ता भी हैरान है. नगर पर्षद ने गलत तरीके से भुगतान पाने के आरोप में 27 में चार वार्डों के दर्जन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 18, 2020 3:19 AM

शेखपुरा : ओडीएफ के नाम पर नगर पर्षद में शौचालय निर्माण को लेकर बड़े पैमाने पर कथित रूप से गड़बड़ियां उजागर हुई हैं. इसको लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. कार्रवाई ऐसी की शिकायतकर्ता भी हैरान है. नगर पर्षद ने गलत तरीके से भुगतान पाने के आरोप में 27 में चार वार्डों के दर्जन भर लोगों को नोटिस किया है. नोटिस में भुगतान से जुड़ी स्थिति को स्पष्ट करने को कहा गया है. भुगतान गलत होने पर वसूली की चेतावनी भी दी गयी है.

एक साल से चल रही कार्रवाई : नगर पर्षद से सूचना के अधिकार के तहत 30 मई, 2019 को शौचालय निर्माण में लाभुकों से संबंधित सूची की मांग की गयी. लेकिन, नगर प्रशासन द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. इसके बाद विभिन्न प्रक्रियाओं को अपनाते हुए लोक सूचना आयोग तक मामला पहुंचाया जा सका. आयोग की पहल पर अनुमंडल लोक निवारण में फिलहाल मामले की सुनवाई चल रही है.
शिकायत कर्ता कर रहे बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के दावे
जेपी सेनानी व पूर्व पार्षद राजेंद्र प्रसाद ने नगर पर्षद के 27 वार्डों में बड़े पैमाने पर पुराने शौचालय और एक ही शौचालय पर परिवार के दो-दो सदस्यों को राशि भुगतान करने का दावा किया है. फिलहाल चार वार्डों में कार्रवाई चल रही है. सभी 27 वार्डों में जांच हुई तो बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हो सकता है. अबतक आये तथ्यों में एक ही तिथि में लाभुकों को दो-दो किस्त का भुगतान, एक ही परिवार को अलग अलग वार्डों में लाभ, संयुक्त परिवार में मां-बेटे और पिता-पुत्र को अलग-अलग लाभ दिया गया है.
कहते हैं अधिकारी
नोटिस में जेपी सेनानी के नाम का जिक्र करने की जानकारी नहीं है. मामले की जांच कर त्रुटि को ठीक कर लिया जायेगा.
दिनेश दयाल लाल, कार्यपालक अधिकारी, नगर पर्षद शेखपुरा
आवेदक को घसीटने का आरोप
नोटिस में जिन तथ्यों का उल्लेख किया गया है वह चौंकाने वाला है. अनियमितता उजागर करने वाले जेपी सेनानी व पूर्व पार्षद, राजेंद्र प्रसाद द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगे जाने का जिक्र कर उन्हें इस कार्रवाई का अहम हिस्सा बताया गया है. जेपी सेनानी ने नगर प्रशासन के इस कार्रवाई को न सिर्फ खतरनाक बताया है, बल्कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी के हनन और शिकायतकर्ता के लिए जोखिम भरा बताया है. उन्हें नोटिस से जुड़े लोग फोन कर व मिलकर धमकी दे रहे हैं.
लेकिन, इन धमकियों व कार्यालय के कारनामों के बाद भी वे खुद को अडिग बता रहे.

Next Article

Exit mobile version