अनदेखी : महज एक शिक्षक के भरोसे ढ़ेउसाडीह विद्यालय

शेखपुरा : शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर जहां बड़े-बड़े प्रशासनिक दावे लगातार किये जाते हैं, वहीं इन सब के बीच प्राचार्य के आकस्मिक निधन के बाद सदर प्रखंड अंतर्गत ढ़ेउसा डीह गांव का सरकारी विद्यालय महज एक शिक्षक के भरोसे ही चल रहा है. ऐसे में विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह जहां चरमरा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2019 7:31 AM

शेखपुरा : शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर जहां बड़े-बड़े प्रशासनिक दावे लगातार किये जाते हैं, वहीं इन सब के बीच प्राचार्य के आकस्मिक निधन के बाद सदर प्रखंड अंतर्गत ढ़ेउसा डीह गांव का सरकारी विद्यालय महज एक शिक्षक के भरोसे ही चल रहा है. ऐसे में विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह जहां चरमरा गयी है.

वहीं इस व्यवस्था के बावजूद अधिकारियों द्वारा कोई सुध नहीं लिये जाने से ग्रामीणों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है. ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार मध्य विद्यालय ढेउसाडीह में पहले प्राचार्य दिवाकर शर्मा के अलावा दो अन्य शिक्षक कार्यरत थे परंतु करीब तीन माह पूर्व प्राचार्य दिवाकर शर्मा की सड़क दुर्घटना में आकस्मिक मौत हो गयी.
इस घटना के बाद से ही विद्यालय की व्यवस्था पूरी तरह चरमराने लगी. ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय में कार्यरत एक अन्य शिक्षक की प्रतिनियुक्ति कहीं और कर दी गयी, जिसके बाद विद्यालय में महज एक शिक्षिका बबीता देवी ही कार्यरत हैं. प्राचार्य की मौत के बाद इस विद्यालय में एचएम का प्रभार भी कई माह तक किसी को नहीं सौंपा गया था, जिसके कारण वहां एमडीएम की योजना भी प्रभावित रही. हालांकि एचएम का प्रभार दो दिसंबर को बबीता देवी को सौंप दिया गया है, परंतु उनके अलावा किसी अन्य शिक्षक की सेवा वहां नहीं दी जा सकी है.
इतना ही नहीं एचएम बबीता देवी को बीएलओ की जिम्मेदारी भी सौंपी गयी है. ऐसे में स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्राचार्य बबीता देवी अब बीएलओ का कार्य करेगी या फिर विद्यालय में किस स्थिति तक अकेले शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त कर सकेगी. विद्यालय में चरमरा चुकी शिक्षा व्यवस्था के कारण छात्र छात्राओं को लगातार इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.
इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से विद्यालय की व्यवस्था में सुधार को लेकर आवश्यक कदम उठाए जाने की मांग की है. वहीं इस मामले को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी से प्रतिक्रिया लिये जाने को लेकर कई बार उनके मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की गयी परंतु अधिकारी ने फोन रिसीव नहीं किया. गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही लगातार सामने आ रही है.