छठ पूजा के बाद तालाबों की स्थिति और बदतर

शिवहर : लोक आस्था का महापर्व छठ तीन नवंबर को संपन्न होने के बाद सभी प्रसिद्ध छठ घाट गंदगी से पटे पड़े हैं. हालांकि छठ पर्व को लेकर पिछले कई से लोग छठ घाट एवं नदी, तालाब व पोखर की साफ-सफाई करने में जुटे थे.... यह अच्छा मौका था कि छठ पर्व के बहाने जिले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2019 1:04 AM

शिवहर : लोक आस्था का महापर्व छठ तीन नवंबर को संपन्न होने के बाद सभी प्रसिद्ध छठ घाट गंदगी से पटे पड़े हैं. हालांकि छठ पर्व को लेकर पिछले कई से लोग छठ घाट एवं नदी, तालाब व पोखर की साफ-सफाई करने में जुटे थे.

यह अच्छा मौका था कि छठ पर्व के बहाने जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के नदी, तालाब, पोखर आदि की साफ-सफाई की गयी. लेकिन इसे बरकरार नहीं रखा गया. हालत यह है कि छठ पर्व समाप्त होने के पांच दिन बाद भी नदी, पोखर व तलाबों में गंदगी देखने को मिल रही है. जबकि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान के बावजूद नदी, तालाब व पोखर के किनारे बने छठ घाट को साफ-सुथरा नहीं रखा गया.

इसके लिए जितना जिम्मेवार प्रशासन है. उससे अधिक जिम्मेवार समाज भी है. गुरुवार को प्रभात खबर ने शहर के कई घाटों का जायजा लिया, तो यही पाया कि अधिकांश घाट व पोखर,नदी, तालाब की स्थिति खराब है. छठ पर्व में घाट में लगाये गये केला के थंब को उसी नदी, तालाब में बहा दिया गया. साथ ही घाट पर पड़े हुए अन्य वस्तुओं को भी नदी, तालाब, पोखर में डाल दिया गया. इससे गंदगी चारों ओर फैल गयी है. हालत यह है कि जल पूरी तरह प्रदूषित होने के कागार पर दिखने लगा है.

छठ पर्व को लेकर तालाबों की हुई थी सफाई: शिवहर. शहर के जीरोमाईल स्थित पुराना डीएम आवास के पास पोखर, औराई पोखर, रानी पोखर, पिछयारी पोखर स्थित घाट समेत कई घाटों की साफ सफाई की स्थिति काफी चिंताजनक है. इन छठ घाटों की साफ-सफाई पिछले 15 दिनों से हो रही थी. छठ पूजा में घाट चकाचक हो गये थे. पर छठ पूजा समाप्त होते ही घाट पर मौजूद अवशिष्ट पदार्थ व केला के थंब को नदी, तालाब व पोखर में फेंक दिया गया.

इससे पानी प्रदूषित होने लगी है. नदी, तालाब, पोखर देखने से ही काफी गंदा लग रहा है. हालांकि छठ पर्व को लेकर पहले से ही छठ घाटों की साफ सफाई के प्रति लोग सजग रहते थे. छठ महापर्व के समाप्त होते ही स्वच्छता एवं साफ सफाई के प्रति लोग उदासीन हो गए हैं.