मस्तिष्क ज्वर वार्ड को बनाया वातानुकूलित

एइएस का इलाज संभव: सिविल सर्जन... सही समय पर उपचार से बचायी जा सकती है जान सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बढ़ाये गये अतिरिक्त बेड शिवहर : डीएम अरशद अजीज ने सरोजा सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. वही मस्तिष्क ज्वर को लेकर की गयी व्यवस्था की जानकारी ली. इस दौरान बताया गया कि इस सदर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2019 12:41 AM

एइएस का इलाज संभव: सिविल सर्जन

सही समय पर उपचार से बचायी जा सकती है जान
सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बढ़ाये गये अतिरिक्त बेड
शिवहर : डीएम अरशद अजीज ने सरोजा सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. वही मस्तिष्क ज्वर को लेकर की गयी व्यवस्था की जानकारी ली. इस दौरान बताया गया कि इस सदर अस्पताल में इस तरह की मरीज के लिए चार बेड लगाये गये हैं.
डीएम ने कहा कि एक वार्ड में करीब छह से अधिक और बेड लगायें. कारण कि घर घर जाकर मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित मरीज की खोज की जा रही है. ऐसे में मरीज पाये जाने की स्थिति में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था रहनी चाहिए. सिविल सर्जन धनेश कुमार सिंह ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि डीएम ने मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित मरीज के वार्ड में एसी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. ताकि वार्ड वातानुकूलित रह सके. सिविल सर्जन ने कहा कि इस पर कार्य जारी है.
बताया कि इधर एइएस (एक्यूट इन्सेफ्लाइटीस सिंड्रोम) से पीड़ित बच्चों की संख्या में निरंतर वृद्धि को देखते हुए राज्य के साथ जिला स्वास्थ्य महकमा हाई अलर्ट पर है. विगत कुछ दिनों में एइएस का विकराल रूप भी देखने को मिला है. जिससे लोगों में इसके प्रति डर में भी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इस रोग के लक्षण दिखते ही मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने से मरीज की जान बचायी जा सकती है. लक्षण दिखने पर जितना ही शीघ्र मरीज को अस्पताल पर पहुंचाया जाएगा उतना ही मरीज के जान बचने की संभावना में वृद्धि होगी.
यह करने से बचें: बच्चे को मस्तिष्क ज्वर से बचाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी है.बच्चों को खाली पेट लीची ना खिलाएं,अधपके एवं कच्चे लीची बच्चों को खाने नहीं दें बच्चों को गर्म कपड़े या कंबल में न लिटायें, बेहोशी की हालत में बच्चे के मुंह में बाहर से कुछ भी न दें. बच्चे की गर्दन झुका हुआ नहीं रहने दें.