बागमती में लगातार कटाव सहमे दोस्तियां के ग्रामीण
बोरों में बालू व बास बल्ले से कटाव रोकने की हो रही कवायद... शिवहर : बागमती नदी में हो रहे कटाव का दोस्तियां दक्षिणी गांव की ओर बढ़ना अब चिंता का विषय बन गया है. हालांकि कटाव रोधी कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. लेकिन, बास व बोरों में बालू डाल कटाव रोक पाना संभव […]
बोरों में बालू व बास बल्ले से कटाव रोकने की हो रही कवायद
शिवहर : बागमती नदी में हो रहे कटाव का दोस्तियां दक्षिणी गांव की ओर बढ़ना अब चिंता का विषय बन गया है. हालांकि कटाव रोधी कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. लेकिन, बास व बोरों में बालू डाल कटाव रोक पाना संभव है, यह कहना मुश्किल है.
अभियंताओं कीे उपस्थिति में लगातार सैकड़ों मजदूर कटाव रोधी काम में लगे हुए हैं. वहीं ग्रामीण भी बागमती नदी का रौद्र रुप देखकर सहमे हुए हैं. कालांतर की यादें उनके रोंगटे खड़े कर रहे हैं. एक बार विस्थापित होने के बाद दूसरी बार विस्थापित होने का खतरा बढ़ने लगा है.
कटाव को रोकने में जिला प्रशासन पूरी तैयारी के साथ लगी है. डीएम अरशद अजीज के निरीक्षण एवं निर्देश के आलोक में सुरक्षात्मक कार्य युद्वस्तर पर हो रहा है. प्लास्टिक की बोरियों में मिट्टी डालकर कटाव स्थल के समीप डाली जा रही हैं.
वहीं बांस एवं अन्य पेड़-पौधों की डालियां काटकर कटाव के प्रभाव को कुंद करने की कोशिश की जा रही है. वहीं बागमती प्रमंडल शिवहर सहायक अभियंता डीएस पाठक व कनीय अभियंता राकेश रोशन को कटाव स्थल पर मौजूद देखा गया, जो कर्मियों एवं मजदूरों को निर्देश दे रहे थे. वर्तमान में बागमती के दाएं तटबंध के 22.5 वें किलोमीटर पर तटबंध से महज 140 मीटर तक बागमती कटाव करती पहुंच चुकी है. बागमती प्रमंडल सहायक अभियंता ने बताया कि कटाव रोधी कार्य लगातार जारी है.
वहीं मौजूद रालोसपा के जिलाध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन के द्वारा कटाव रोधी कार्य किया जा रहा है, जिसके कारण ही कटाव पर नियंत्रण हो सका है.अगर कटाव रोधी कार्य व्यापक स्तर पर नहीं किया गया, तो दोस्तियां गांव पर खतरा जरुर उत्पन्न हो जाएगा.
