ठंड में कांप रहे लोग, जर्मन हैंगर में लटक रहे ताले

उद्घाटन से पहले हुआ बदहाल, नहीं ले रहा कोई सुध

By PANCHDEV KUMAR | December 28, 2025 10:10 PM

डेहरी ऑफिस. सरकार हम गरीबों को ठंड से बचावे खातिर बड़े बड़े दावा करत बा, लेकिन हमनी के ई ठंड में कुकुड़त जीवन बीतता बा. लाखों रुपये खर्च करके हमनी खातिर रैनबसेरा की जगह नया टेंट वाला घर बनावल गइलबा, लेकिन एकरा में महीनों से ताला बंद बा, लागत बा की जाड़ा बीत जाये के बाद एकर ताला खुली. शहर के स्टेशन रोड में जर्मन हैंगर के पास शीतलहर में सड़क किनारे बैठे एक बुजुर्ग यात्री रामदेव मांझी कि उक्त बात को सुनकर सरकार व स्थानीय प्रशासन द्वारा ठंड से यात्रियों व गरीब गुरबो को बचाने के लिए किए जा रहे बड़े-बड़े वादों का पोल खुल जाता है. ठंड दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. कुहासे के कारण आम जनजीवन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में शहर में आने वाले दूर दराज से लोगों व स्थानीय गरीब गुरबो जिनका कोई पक्का ठिकाना नहीं है, को राहत पहुंचाने के लिए लाखों की लागत से शहर के दो स्थानो स्टेशन रोड और अंतरराज्यीय बस पड़ा में बना रैन बसेरा आज शोभा की वस्तु बन कर रह गया है. विदित हो कि स्टेशन रोड में करीब 26 लाख और अंतरराज्यीय बस स्टैंड में 36 लाख की लागत से जर्मन हैंगर को तैयार कराये गये हैं. र्भाग्य यह है कि उक्त दोनों जर्मन हैंगर कई माह पहले बन कर तैयार है, लेकिन अब तक उसे नगर पर्षद को हैंड ओवर नहीं किया गया है. अंतरराज्यीय बस पड़ाव में बने जर्मन हैंगर का दोनों दरवाजा को उखाड़ कर उसमें लगे सभी की चोरी हो गयी है. ऐसे में उक्त हैंगर वहां रहने वाले छोटे-छोटे बच्चों के लिए खेलने का स्थान बन चुका है. लोगों ने की मांग : कुहासा व शीतलहर के बीच शहर में आनेवाले यात्रियों व शहर में बसे जरूरतमंद लोगों को ठंड से बचने के लिए लोगों ने स्थानीय प्रशासन से गुहार लगायी है. वैसे लोगों के लिए जरूरत के अनुसार, रेनबसेरा की व्यवस्था की जाए. रोहतास जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सच्चिदानंद प्रसाद, अनुमंडल विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष मनोज कुमार अज्ञानी, पूर्व अध्यक्ष उमाशंकर पांडेय, व्यवसायी वीरेंद्र सोनी, सुनील कुमार, समाजसेवी विनोद पासवान, राहुल कुमार आदि ने नगर पर्षद प्रशासन व अनुमंडल प्रशासन से यह आग्रह किया है कि शहर में आने वाले लोगों को ठंड से बचाव के लिए उचित व्यवस्था की जाए. उक्त लोगों ने कहा कि लाखों की लागत से शहर के दो स्थानों पर बने जर्मन हैंगर को संवेदकों द्वारा मानक के अनुसार बना पाकर उसे आम जनता के लिए हैंड ओवर लेकर ठंड से बचाने का समुचित उपाय करें, ताकि लोगों को ठंड से बचाया जा सके.

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