Samastipur News:डीएसएस आधारित वेब एप्लिकेशन व मोबाइल एप करेगा अग्निकांड में मदद
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा विकसित निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) आधारित वेब एप्लिकेशन व मोबाइल एप अब अग्निकांड व अन्य आपदाओं से निपटने में मदद करेगा.

समस्तीपुर : आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा विकसित निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) आधारित वेब एप्लिकेशन व मोबाइल एप अब अग्निकांड व अन्य आपदाओं से निपटने में मदद करेगा. आपदाओं के दौरान बेहतर निर्णय लेने एवं त्वरित व प्रभावी कार्रवाई करने के उद्देश्य से विभाग ने इसे विकसित किया है. आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ने अग्निकांड को लेकर जिलाधिकारी को गाइडलाइंस भेजा है. अग्निकांड की आपदा से निपटने हेतु मानक संचालन प्रक्रिया अपनाने का निर्देश दिया गया है. अग्निकांड की सूचना प्राप्त होते ही संबंधित जिले के आपदा प्रबंधन के उत्तरदायी पदाधिकारी एवं उनकी टीम घटनास्थल पर पहुंचकर त्वरित गति से पीड़ितों को सहाय्य प्रदान कराएगा. भीषण अग्निकांड होने पर जिला पदाधिकारी को स्वयं घटना स्थल पर शीघ्रातिशीघ्र पहुंच कर सहाय्य की व्यवस्था करानी है. अग्निकांड पीड़ितों को 24 घंटे के अंदर अनुमान्य सहाय्य के रूप में पॉलीथिन शीट, नकद अनुदान तथा वस्त्र एवं बर्तन के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा. इसी प्रकार घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था की जाएगी तथा मृतकों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान का भुगतान अविलंब किया जाएगा. जले एवं क्षतिग्रस्त मकानों का सर्वेक्षण कर इसका जियो टैगिंग एवं फोटोग्राफी कराकर गृह क्षति अनुदान का भुगतान शीघ्रातिशीघ्र कर दिया जाएगा. राहत एवं बचाव कार्यों को सुनिश्चित करने एवं पर्यवेक्षण के लिए कर्मचारी व अधिकारी प्रतिनियुक्त किए जाएंगे. भीषण अग्निकांड से प्रभावित क्षेत्रों में विशेष राहत केंद्र संचालित किए जाएंगे. जिला मुख्यालय में अग्निकांड से संबंधित घटनाओं के पर्यवेक्षण एवं सहाय्य कार्य के अनुश्रवण के लिए जिला आपातकालीन संचालन केंद्र को कार्यशील करने का निर्देश दिया गया है.
केंद्र का प्रभार किसी वरीय पदाधिकारी को देना है
उक्त केंद्र का प्रभार किसी वरीय पदाधिकारी को देना है. फायर ब्रिगेड की गाड़ियों की आवश्यकतानुसार मरम्मति अविलंब कराने को कहा गया है. आवश्यकता के समय फायर ब्रिगेड की गाड़ियां सुदूर देहातों में समय पर पहुंच सके, इसके लिए यथासंभव अनुमंडल मुख्यालयों थानों में भी गाड़ियों को रखने की व्यवस्था करनी है, खासकर जिन क्षेत्रों का रास्ता दुर्गम हो. आगजनी की घटनाओं की निरोधात्मक कार्रवाई के संदर्भ में जिलाधिकारी अपने अधीनस्थ अचलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश देंगे कि वे अपने क्षेत्र में अग्निकांड की रोकथाम के लिए विभिन्न प्रचार माध्यमों से लोगों में जागरूकता पैदा करेंगे. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए फायर बूथों की स्थापना लाभप्रद सिद्ध हो सकती है. प्रत्येक गांव में फायर बीटर्स, फायर टैंक, बाल्टी, रस्सी एवं कुल्हाड़ी आदि छोटे-छोटे अग्निशमन उपकरण सार्वजनिक स्थल पर रखवाने की व्यवस्था पंचायत की मदद से की जा सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है