जल जीवन हरियाली योजना में हुआ बड़ा घोटाला

जल जीवन हरियाली योजना में हुआ बड़ा घोटाला

By Dipankar Shriwastaw | September 15, 2025 5:26 PM

कृषि विज्ञान केंद्र सहरसा द्वारा लाखों के गबन का मामला उजागर जांच के बाद भी अब तक नहीं हुई कोई कार्रवाई सौरबाजार . बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली के अंतर्गत संचालित जलवायु अनुकूल खेती को लेकर जिला के अगवानपुर स्थित कृषि महाविद्यालय से एक बड़ा घोटाला सामने आया है. आरोप है कि कृषि विज्ञान केंद्र में मूंग बीज प्रत्यक्षण और जीरो टिलेज मशीन से बुआई के नाम पर लाखों रुपए का गबन किया गया है. किसानों के मुताबिक, वर्ष 2024-25 में जिला के पांच गांवों में मूंग बीज का प्रत्यक्षण कागज पर दिखाया गया है, लेकिन इसमें कहीं किसी गांव में धरातल पर यह काम नहीं किया गया है. महाविद्यालय के कर्मियों और अधिकारियों द्वारा कागजी खानापूर्ति कर इस योजना की राशि का गबन कर लिया गया है. यहां तक कि मृत व्यक्तियों के नाम पर भी योजना का लाभ दिखाकर उनका फर्जी हस्ताक्षर कर राशि की निकासी की गयी है. किसानों का आरोप है कि प्रत्यक्षण सूची में दर्जनों मृतक किसानों का नाम दर्ज है, जबकि जीवित किसानों की भी वास्तविक भूमि से अधिक जमीन कागजों पर दिखाकर बीज व मशीन से बुआई का खर्च दर्शाया गया है. जिन किसानों के नाम पर योजना का लाभ दिखाया जा रहा है, उन्हें इस योजना की जानकारी तक नहीं है. सौरबाजार प्रखंड के सहुरिया पश्चिमी पंचायत की मुखिया समेत बखरी गांव के कई किसानों ने इस मामले में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के कुलपति, बिहार सरकार के कृषि विभाग के सचिव, निदेशक अटारी पटना और निदेशक प्रसार शिक्षा को पत्र लिखकर कहा है कि मेरे मृत परिजनों के नाम पर फर्जी तरीके से उक्त योजनाओं का लाभ लिया गया है. जिसकी जानकारी हमलोगों के पास नहीं है. यहां तक कि योजना का लाभ लेने के लिए पंचायत के मुखिया का भी फर्जी हस्ताक्षर और मुहर का प्रयोग किया गया है. किसानों ने ऐसे भ्रष्ट पदाधिकारी पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. मामले की गंभीरता को देखते हुए अटारी पटना की टीम एवं विश्वविद्यालय की जांच समिति ने योजना संचालित करने वाले गांव का दौरा किया. कागज पर जिन किसानों के नाम पर इन योजनाओं का फर्जी तरीके से लाभ दिखाया गया है उनकी मृत्यु वर्षों पूर्व हो चुकी है. जांच दल को मृतक किसानों के परिजनों ने बताया कि मेरे माता-पिता की मृत्यु कई वर्ष पहले हो चुकी है, फिर भी उनके नाम पर मूंग प्रत्यक्षण और मशीन से बुआई के नाम पर लाखों रुपए की हेराफेरी की गयी है. इन लोगों ने अपने परिजनों का मृत्यु प्रमाणपत्र भी दिखाया है. सरजमीं पर जांच कर टीम वापस लौट गयी, लेकिन आजतक ऐसे भ्रष्ट और किसानों की हकमारी करने वाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पायी है. दो-दो समितियों की जांच के बावजूद अब तक किसी भी दोषी पदाधिकारी पर कार्रवाई नही होने के कारण किसानों का आरोप है कि उच्च पदाधिकारी भी भ्रष्ट कर्मियों और अधिकारियों को बचाने में लगे हैं. उनका कहना है कि यदि इस मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो भविष्य में ऐसे घोटालों पर अंकुश लगाना मुश्किल होगा.

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