अब प्लेटफॉर्म नंबर तीन भी संभालेगा फुल रैक की ट्रेन
अब सहरसा जंक्शन पर प्लेटफार्म नंबर तीन भी फुल रैक की ट्रेन संभालेगी. रिव्यू के बाद रेल मंडल ने निर्देश जारी कर दिया है.
रिव्यू के बाद रेल मंडल का निर्देश
सहरसा. अब सहरसा जंक्शन पर प्लेटफाॅर्म नंबर तीन भी फुल रैक की ट्रेन संभालेगा. रिव्यू के बाद रेल मंडल ने निर्देश जारी कर दिया है. समस्तीपुर मंडल के सहरसा स्टेशन ने बीते 28 नवंबर को प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर ट्रेन का ट्रायल किया था. इस निर्देश के बाद आनेवाले समय में इस क्षेत्र के यात्रियों की यात्रा को अधिक सुगम, समयबद्ध और सुविधाजनक बनाएगा. समस्तीपुर रेल मंडल के अधिकारियों ने बताया कि प्लेटफाॅर्म नंबर तीन से लंबी दूरी की ट्रेन का परिचालन होने से भविष्य में सहरसा जंक्शन से नयी ट्रेन खुलने की संभावना बढ़ गयी है.राज्यरानी एक्सप्रेस का किया गया था ट्रायल
28 नवंबर को 15510 राज्यरानी एक्सप्रेस पहली बार प्लेटफॉर्म संख्या-3 के लाइन संख्या 10 पर पहुंची. यह ट्रेन 22 एलएचबी कोचों की पूर्ण रैक के साथ शाम 4:58 बजे सहरसा पहुंची और 05 बजकर 09 मिनट पर सफलतापूर्वक प्रस्थान कर गयी. रेल अधिकारियों के मुताबिक, यह केवल एक ट्रेन का प्लेटफॉर्म बदलना नहीं था. यह सहरसा स्टेशन की क्षमता और भविष्य की संभावनाओं का निर्माण था. रेल मंडल के अधिकारियों का तर्क है कि राज्यरानी एक्सप्रेस के ट्रायल के दौरान ट्रेन का इंजन लेवल क्रॉसिंग संख्या 31 तक बढ़ा हुआ था और पीछे की ओर फाउलिंग मार्क सुरक्षित रूप से क्लियर था. स्टेशन मास्टर द्वारा लोको पायलट को रेड सिग्नल पार करने के लिए प्राधिकृत पत्र जारी किया गया. संचालन की सुरक्षा तय करते हुए महत्वपूर्ण बात यह रही कि ट्रेन की लंबाई के कारण इंजन और जेनरेटर कार प्लेटफॉर्म सीमा से बाहर रहे, लेकिन यात्रियों का चढ़ना-उतरना पूरी तरह सुरक्षित और निर्बाध रहा. यह स्पष्ट करता है कि ऐसी स्थिति यात्री सुविधा को प्रभावित नहीं करती. रेल मंडल के रिव्यू के बाद अब तक सहरसा स्टेशन पर प्लेटफाॅर्म संख्या एक और दो ही पूर्ण लंबाई की ट्रेनों को संभालने में सक्षम माने जाते थे. पर, प्लेटफॉर्म तीन पर राज्यरानी एक्सप्रेस के सफल संचालन ने यह धारणा बदल गयी है. सहरसा-मानसी सेक्शन में प्लेटफॉर्म की कमी के कारण होनेवाली ट्रेन नियंत्रण की समस्या अब कम होगी.स्टेशन की हैंडलिंग कैपेसिटी बढ़ेगी
प्लेटफाॅर्म संख्या तीन से लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन होने पर भविष्य में अधिक ट्रेनों का संचालन, बेहतर कनेक्टिविटी और यात्रियों के लिए ज्यादा विकल्प बढ़ेंगे. सहरसा, जो कोसी और सीमांचल क्षेत्र का प्रमुख स्टेशन रहा है, अब और भी मजबूत स्थिति में खड़ा है. प्लेटफॉर्म तीन की यह क्षमता केवल वर्तमान का समाधान नहीं है, बल्कि आनेवाले समय में नयी ट्रेनें, नये मार्ग और नयी संभावनाएं लेकर आएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
