इंसान को सफलता मिले व वह इतराये नहीं, बहुत विरल घटनाः डॉ अरूण जयसवाल
इंसान को सफलता मिले व वह इतराये नहीं, बहुत विरल घटनाः डॉ अरूण जयसवाल
गायत्री शक्तिपीठ में व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन सहरसा . गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन किया गया. सत्र को संबोधित करते डॉ अरुण कुमार जायसवाल ने कहा कि आज संसार में जो सारी लड़ाई है, वह अहंकार की लड़ाई है, स्वार्थ की लड़ाई है. इंसान सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट बनने के चक्कर में पूरी तरह डिस्ट्रॉय हो गया. उन्होंने कहा कि अहंकार की तलाश में हमने मौत तलाश लिया. रूस, यूक्रेन, चीन, अमेरिका की समस्या है विस्तारवाद. इसका कारण स्वार्थ एवं अहंकार है. इंसान को सफलता मिले एवं वह पगलाए नहीं, ये बहुत विरल घटना है. आत्म तो सफलता एवं असफलता से परे है. सफलता का क्रेडिट अहंकार लेता है. अहंकार करते समय यह नहीं होता कि सफल होगा या असफल होगा, सम्मान मिलेगा या अपमान मिलेगा. उन्होंने कहा कि देवासुर संग्राम में जब जहर निकला किसी ने क्रेडिट नहीं लिया. लेकिन जब अमृत निकला तो देवता एवं असुर दोनों क्रेडिट लेने के लिए तर्क देने लगे, झगड़ा करने लगे. उन्होंने कहा कि अहंकार का पर्यायवाची शब्द अविवेक है. उन्होंने कहा आपके मन में ईश्वर की धारणा नहीं है तो आपका ना कोई विकास है एवं ना कोई उन्नति है. व्यक्तित्व में परिवर्तन ही नहीं रूपांतरण हो जाता है. उन्होंने कहा कि भगवान का भी अंत नहीं है एवं संसार का भी अंत नहीं है. संसार की सघनता एवं प्रगाढ़ता से बाहर निकलना होगा. वहीं शक्तिपीठ में 13 मार्च को होली मिलन समारोह आयोजित किया जायेगा. जिसमें नृत्य, संगीत, नाटक एवं होलिका दहन कार्यक्रम होगा. फोटो – सहरसा 15 – कार्यक्रम में मौजूद श्रद्धालु
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
